Don't Give Up
"विजेता कभी हार नहीं मानते,
और हार माननेवाले कभी जीतते नहीं।"
हमारी ज़िन्दगी का तूफान हमारा संघर्ष है। हमें उसको पार करते हुए आगे बढ़ना है। गिरना है, संभलना है, लेकिन Don't Give Up/ हार नहीं मानना है। जानती हु, मुश्किलें बहोत होगी, लेकिन निरंतर कोशिशोंसे सफलता आपसे ज्यादा दूर नहीं होगी। मंजिल पाने के लिए पहले चुनौतियोंका स्वीकार करना होगा, उसे पार करते हुए मंजिल तक जाना होगा।
आपका निर्णय अगर दॄढ और इरादा पक्का है, आपको कोई नहीं रोक सकता। डर को पीछे छोड़ दो, जिद से मुक़ाबला करो, सफलता आपका इंतज़ार कर रही होगी। आपका त्याग, आपकी कोशिश, दॄढ़निशयता, आपके संघर्ष मे दिखाई देगी। कमल को अपना अस्तित्व किचड़ मे दिखाना होता है, गुलाब को काँटों मे खिलना होता है।
एक बात हमेशा याद रखिये, ''लहरोंसे डरकर कभी नौका पार नहीं होती, कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती... ''
Don't Give Up |
अगर आपके अंदर कुछ करने का जूनून है तो दुनिया की कोई भी ताकद आपको हरा नहीं सकती, आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं। सफल होने के लिए आपको दो बातो का चयन करना है ,पहली ये आपको अपने आप पर भरोसा करना होगा। दूसरी ये आपको कभी हार नहीं माननी / Don't Give Up है।
सब कुछ अपनी सोच पर निर्भर होता है, मान लो तो हार है, ठान लो तो जीत है। आप अपने सपनो को पूरा करने के लिए जिस रास्ते पर चलेंगे, वह आसान नहीं होगा और साथ ही साथ आपको उस रास्ते पर ऐसे बहुत से लोग भी मिलेंगे, जो आपको आपके सपने से दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे लेकिन कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, आपको हार नहीं माननी है। अगर आपने हार मान ली तो आपका सपना एक सपना ही बनके रह जायेगा फिर एक दिन भविष्य में आप पछताते हुए कहोंगे – मैं ये कर सकता था। मुझे ये करना चाहिए था।अगर आप अपने सपनो को पूरा करते हुए असफल हो गए है तो कोई बात नहीं। दोबारा खड़े हो जाइये क्योकि “इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की कल क्या हुआ था। फर्क इस बात से पड़ता है की आज आपने आनेवाले कल के लिए क्या किया?”
Don't Give Up Hope
एक बात है १९८९ की, एक टेस्ट मैच था इंडिया और पाकिस्तान के बीच मे, पांचवा दिन था टेस्ट मैच का, इंडिया लगभग हारने ही वाला था, वसीम अक्रम, वकार यूनिस के सामने कोई भी टिक नहीं पा रहा था। सबको यकीन हो गया था, अब इंडिया हारनेवाला है। रवि शास्त्री, श्रीकांत जैसे बड़े बड़े खिलाडी खेल से बाहर हो गए थे, तब एक सोलह साल का लड़का पिच पे आके खड़ा हो गया, वो भी वकार यूनिस के सामने। वहा सबका कहना था, इस से तेज पिच हमने हमारे पुरे जीवन मे नहीं देखी, उस सोलह साल के लड़के के सामने १५० की गति से एक गेंद जो प्रत्यक्ष उस लड़के के नाक पे जा के लगी, नाक से खून बहनें लगा, सब कपडे खून से भर गए। वहा सब कहने लगे, तुम अभी जा के आराम करो, थोड़ी देर बाद खेलने आना,लेकिन वो लड़का ना ही घबराया, ना ही लड़खड़ाया, उस लड़के ने अपना हौसला बुलुंद कर के कहा, ''मै खेलूंगा'' इस दो लब्ज़ से माहौल मे सन्नाटा छा गया और वो लड़का पिच पे जा के खड़ा हो गया, वकार यूनिस की गेंद, जो कोई देख भी नहीं पा रहा था, उस लड़केने उसपे चौकार लगा दिया। जो मैच इंडिया हरनेवाला था, उस मैच मै उस लड़केने ५७ रन देकर १०१ के भागीदारी के साथ इंडिया का मैच ड्रॉ करवा दिया। उसकी ना रुकने की ज़िद ने, उसकी मेहनतने, उसकी काम की लगन ने, उसे क्रिकेट का देवता बना दिया। आज पुरा भारत उनका नाम गर्व से लेता है, और वो प्रतिष्ठित नाम है भारतरत्न तथा पद्मश्री पुरस्कारप्राप्त मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर।
एक बात हमेशा याद रखिये, सफलता एक मोती की तरह है, जिसे पाने के लिए समुंदर मे बार बार गोते लगाने होते है वो भी तब तक जब तक मोती हाथ मे नहीं आ जाता। सफलता एक बार मे ही नहीं मिलती, बार बार प्रयास करना पड़ता है।
तात्पर्य - जब तक आपका पूरा समर्पण ना हो तब तक सफलता संभव नहीं।
जिस दिन खत्म होगा ये संघर्षो का सफर,
उस दिन अच्छे अच्छे हिल जायेंगे।
ऐसे होगा मेरे ज़िंदगी का रसूख,
सबको सबके सवालों के जवाब मिल जायेंगे।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Don't Give Up से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य नए आर्टिकल्स पढ़ने के लिए https://www.shrutimundada.com/ {Yutis Desk} के साथ बने रहें।
THANK YOU!
18 Comments
Great
ReplyDeleteThanks dear
Deleteबहोत सुंदर मान लो तो हार है ठान लो तो जीत है
ReplyDeleteSuper.....
ReplyDeleteखूप छान लिहलंय श्रुती
ReplyDeleteMast likha hai
ReplyDeleteछान लेख आहे श्रुती...
ReplyDeleteKhup chhan...positive thought
ReplyDeleteSuper 👌
ReplyDeleteMast he bhabhi
ReplyDeleteGreat
ReplyDeletePositive thought
DeleteNyc
ReplyDeleteBilkul sahi kaha.koshish karnewalo ki kabhi har nahi hoti
ReplyDeleteसुपर
ReplyDeleteGreat motivation.. think
ReplyDeleteIt's really motivated.
ReplyDeletewell said
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