आजादी का अमृत महोत्सव 75 Years of India's Independence



          भारत का स्वाधीनता संग्राम विश्व के अब तक के सबसे महान और गौरवशाली संघर्षों में से एक रहा है। इस बार मौका इसलिए भी खास है, क्योंकि आजादी के 75 वें वर्ष को देश अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। यह महोत्सव क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों, देशभक्तों की स्वाधीनता का ऐसा अमृत है जो हमें देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।  

पीएम ने की थी शुरुआत -

          अमृत महोत्सव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर साबरमती आश्रम से की थी। 1930 में अंग्रेजी शासन में भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था, ऐसे में इंग्लैंड से आनेवाला नमक ही इस्तेमाल करना पड़ता था। इसे लेकर ही गांधीजी ने नमक सत्याग्रह शुरू किया था,  इसे दांडी मार्च भी कहते हैं। 

अमृत महोत्सव यानी नए संकल्पों का अमृत -

          पीएम मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत। 

आजादी का अमृत महोत्सव -

          देश की 75 वीं वर्षगांठ का मतलब 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल हैं, जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।



'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत नियोजित गतिविधियां -


> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव के लिए एक वेबसाइट का उद्घाटन किया है।

> एक 'आत्मनिर्भर इनक्यूबेटर' शुरू किया गया था जो पारंपरिक कला में शामिल लगभग 40,000 परिवारों की मदद करेगा।

> तमिलनाडु और कर्नाटक में, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए प्रदर्शनियां, साइकिल जत्था, वृक्षारोपण और जुलूस निर्धारित किए गए।

> क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो ने राजस्थान में पांच दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया है।


आजादी के अमृत महोत्सव के पांच विषय


1. स्वतंत्रता संग्राम -

          यह विषय आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हमारे स्मरणोत्सव की पहल की शुरुआत करती है। यह विषय उन विस्मृत नायकों की कहानियों को जीवंत करने में मदद करता है जिनके बलिदान ने हमारे लिए स्वतंत्रता को एक वास्तविकता बना दिया है। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में बिरसा मुंडा जयंती (जनजातीय गौरव दिवस), नेताजी द्वारा स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार की घोषणा, शहीद दिवस आदि शामिल हैं।


2. 75 वर्ष पर विचार -

          जैसा कि हम जानते थे कि दुनिया बदल रही है और एक नई दुनिया सामने आ रही है। हमारे दृढ़ विश्वास की ताकत हमारे विचारों की लंबी आयु तय करेगी। इस विषय के तहत आयोजनों और कार्यक्रमों में लोकप्रिय, सहभागी पहलें शामिल हैं जो दुनिया में भारत के अद्वितीय योगदान को जीवंत करने में मदद करती हैं। इनमें काशी की भूमि के हिंदी साहित्यकारों को समर्पित काशी उत्सव, प्रधान मंत्री को पोस्ट कार्ड जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।


3. 75 वर्ष पर उप्लाबधियाँ -

          इसका उद्देश्य 5000+ वर्षों के प्राचीन इतिहास की विरासत के साथ 75 साल पुराने स्वतंत्र देश के रूप में हमारी सामूहिक उपलब्धियों के सार्वजनिक खाते में विकसित होना है। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में 1971 की जीत के लिए समर्पित स्वर्णिम विजय वर्ष, महापरिनिर्वाण दिवस के दौरान श्रेष्ठ योजना का शुभारंभ आदि जैसी पहल शामिल हैं।


4. 75 वर्ष पर कदम -

          यह विषय उन सभी प्रयासों पर केंद्रित है जो नीतियों को लागू करने और प्रतिबद्धताओं को साकार करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालते हुए भारत को कोविड के बाद की दुनिया में उभरने वाली नई विश्व व्यवस्था में अपना सही स्थान दिलाने में मदद करने के लिए किए जा रहे हैं।

           यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के प्रधान मंत्री मोदी के स्पष्ट आह्वान से प्रेरित है। इसमें सरकारी नीतियों, योजनाओं, कार्य योजनाओं के साथ-साथ व्यवसायों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज की प्रतिबद्धताओं को शामिल किया गया है जो हमारे विचारों को साकार करने में मदद करते हैं और सामूहिक रूप से बेहतर कल बनाने में हमारी मदद करते हैं। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में गति शक्ति - मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी पहल शामिल हैं।


5. 75 वर्ष पर संकल्प -

          यह विषय हमारी मातृभूमि की नियति को आकार देने के हमारे सामूहिक संकल्प और दृढ़ संकल्प पर केंद्रित है। 2047 की यात्रा के लिए हममें से प्रत्येक को व्यक्तियों, समूहों, नागरिक समाज, शासन की संस्थाओं आदि के रूप में उठकर अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।

          हमारे सामूहिक संकल्प, सुनियोजित कार्य योजनाओं और दृढ़ प्रयासों से ही विचारों को कार्यों में परिणत किया जा सकता है। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में संविधान दिवस, सुशासन सप्ताह आदि जैसी पहल शामिल हैं जो उद्देश्य की गहरी भावना से प्रेरित होने के साथ-साथ 'ग्रह और लोगों' के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को जीवंत करने में मदद करती हैं।


निष्कर्ष -

          'आज़ादी का अमृत महोत्सव' उत्सव पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा की गई तीव्र प्रगति का जश्न मनाता है। यह उत्सव हमें अपनी छिपी ताकत को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें राष्ट्रों के समूह में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार, सहक्रियात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।


हर घर तिरंगा अभियान 

          हर घर तिरंगा अभियान एक सरकार द्वारा बनायीं योजना है। इस योजना का लक्ष्य भारत के हर घर तिरंगा लहराने का है। सरकार द्वारा इसके लिए 20 करोड़ घरों में तिरंगा लहराने का निश्चय किया गया है। देश की पूरी जनता के लिए सरकार की यह अपील है कि वह 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच पब्लिक पार्टिसिपेशन के जरिये 20 करोड़ घरों में तिरंगा लहराएं।







कैसे हो सकेंगे हर घर तिरंगा अभियान में शामिल

          श्री नरेंद्र मोदी जी कि सभी जनता से ये अपील है कि स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को हर घर में तिरंगा लहराया जाएं। यह पल देश के लिए बहुत ही गर्व का होगा। यदि आप इस अभियान में शामिल होना चाहते है तो इसके लिए सरकार ने एक ऑनलाइन वेबसाइट harghartiranga.com बनायीं है। आप इस वेबसाइट पर जाकर तिरंगा डाउनलोड कर सकते है। आपको इस वेबसाइट पर तिरंगा कैसे डाउनलोड करना है उसके सभी स्टेप्स बताएं गए है। इसमें आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर भरके लोकेशन ऑन करनी होगी। जिसके बाद आपके सामने डाउनलोड या प्रिंट सर्टिफिकेट का ऑप्शन आ जायेगा।

अभियान का उद्देश्य -

          अभियान का उद्देश्य आज़ादी के पूरे 75वें साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आरंभ किया है। इस अभियान के माध्यम से देश के नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाना और देश के लिए प्रेम जागरूक करना है साथ ही हमारे राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान की भावना को पैदा करना है। ताकि देश का हर देशवासी अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा आगे खड़ा रह सके।

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 तिरंगा फहराते समय इन बातों को रखे ध्यान -


> झंडे का प्रयोग कमर्शियल पर्पस के लिए नहीं किया जायेगा।

> यदि आप किसी व्यक्ति को सलामी दे रहे है तो झंडे को झुखाया नहीं जायेगा।

> किसी भी ड्रेस या यूनिफार्म में झंडे के रूप में प्रयोग नहीं किया जायेगा। झंडे को किसी भी रुमाल, तकिया, या बाकि किसी भी ड्रेस पर नहीं छाप सकते।

> झंडे का उपयोग किसी भी बिल्डिंग में प्रदान लगाने के लिए नहीं किया जायेगा।

> झंडे पर किसी भी तरह का विज्ञापन, नोटिफिकेशन या कोई अभिलेख नहीं लिखा होना चाहिए।

> किसी भी अन्य झंडे को भारतीय झंडे के बराबर ऊपर नहीं फहराया जाना चाहिए।

           आप आजादी का अमृत महोत्सव 75 Years of India's Independence कैसे मना रहे हो ? कमेंट बॉक्स पे ज़रूर बताये। ये पोस्ट अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करे। 

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