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Droupadi Murmu - 15th President Of India
आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में पिछले डेढ़ दशक को महिलाओं के लिए खास तौर से विशिष्ट माना जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाली महिलाएं इस दौरान देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने में कामयाब रहीं और 2007 में प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल करने के बाद अब ( Droupadi Murmu - 15th President Of India ) द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना देश की लोकतांत्रिक परंपरा की एक सुंदर मिसाल है।
क्या कभी किसी ने सोचा था कि दिल्ली से दो हजार किलोमीटर के फासले पर स्थित ओडिशा के मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा के एक बेहद साधारण स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाली द्रौपदी मुर्मू एक दिन असाधारण उपलब्धि हासिल करके देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान होंगी।
यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के साथ साथ वह देश की कुल आबादी के साढ़े आठ फीसदी से कुछ ज्यादा आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन जनजाति की बात करें तो वह संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। भील और गोंड के बाद संथाल जनजाति की आबादी आदिवासियों में सबसे ज़्यादा है।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे।
द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा
द्रौपदी ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्ष
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। कुछ दिन पश्चात उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहती हैं।
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बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।
द्रोपदी मुर्मू का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा, आज उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है उनके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष है, जो उन्हें आज इस मुकाम पर खड़ा किया है।
राजनैतिक करियर पर एक नजर -
> 1997 – पार्षद निर्वाचित रायरंगपुर नगर पंचायत की उपाध्यक्ष।
> 2000 – 2004 – रायरंगपुर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार भाजपा विधायक।
> 2000 – 2009 – नवीन पटनायक सरकार में मंत्री।
> 2006 – 2009 – ओडिशा में भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष।
> 2007 – ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक (नीलकंठ सम्मान) के रूप में सम्मानित।
> 2015 -2021 – झारखंड के राज्यपाल।
> 2022 – 15th President Of India
द्रौपदी मुर्मू को बहोत बहोत बधाई
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संदेश में कहा कि एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मुर्मू का निर्वाचन इस बात का प्रमाण है कि जन्म नहीं, व्यक्ति के प्रयास उसकी नियति तय करते हैं।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र प्रमुख पद पर पहुंचना उनकी ऊंची शख्सियत का ही परिणाम है।
FAQ'S-
1. द्रौपदी मुर्मू कौन है?
> यह एक भारतीय राजनेत्री है, जो वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति है।
2. द्रौपदी मुर्मू का जन्म कब हुआ था?
> 20 जून 1958 को (उड़ीसा, मयूरभंज)
3. द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम क्या है?
> श्याम चरण मुर्मू
4. द्रौपदी मुर्मू की बेटी का नाम क्या है?
> इतिश्री मुर्मू
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5. द्रौपदी मुर्मू किस पार्टी से ताल्लुक रखती है?
> बीजेपी से
6. द्रौपदी मुर्मू ने भारत के राष्ट्रपति पद की कब शपथ ली ?
> 25 जुलाई 2022 को
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