एक बार की बात है. यूनान (Greece) के सम्राट (King) किसी बात पर अपने वज़ीर से नाराज़ हो गये. नाराज़गी में उन्होंने वजीर के लिए फांसी की सजा का एलान कर दिया. फांसी का समय शाम के ६ बजे मुकर्रर किया गया. फांसी की सजा दिए जाते समय वज़ीर दरबार में उपस्थित नहीं था. सम्राट ने सैनिकों को आदेश दिया, “जाओ, जाकर वज़ीर को बता दो कि शाम को ठीक ६ बजे उसे फांसी पर लटका दिया जायेगा.” सम्राट का आदेश मान सैनिक की एक टुकड़ी वज़ीर के घर पहुँची. उसके घर को चारों ओर से घेर लिया गया. कुछ सैनिक घर के अंदर गए. अंदर जाने पर उन्होंने देखा कि वहाँ तो जश्न का माहौल है. उस दिन वज़ीर का जन्मदिन था. उसके घर पर रिश्तेदारों और दोस्तों की चहल-पहल थी. संगीत बज रहा है. नाच-गाना चल रहा था. पूरे घर में पकवान की ख़ुशबू फ़ैल रही थी. कुल मिलाकर वहाँ का माहौल बड़ा ख़ुशनुमा था. सैनिकों ने भरी महफ़िल में एलान कर वज़ीर को फांसी की सजा के बारे में बताया. यह भी बताया कि फांसी शाम ६ बजे दी जाएगी. यह एलान सुनकर वहाँ मौजूद हर शख्स हैरान रह गया. फ़ौरन संगीत और नाच-गाना बंद कर दिया गया. रिश्तेदार, दोस्त और परिवारजन उदास हो गए. तभी कमरे में छाई ख़ामोशी में वज़ीर की आवाज़ गूंजी, “ऊपर वाले का लाख-लाख शुक्रिया कि उसने फांसी के लिए शाम ६ बजे तक का वक़्त दे दिया. तब तक हम सब जश्न मना सकते हैं.” वज़ीर की बात सुनकर दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवारज़नों ने कहा, “कैसी बात कर रहे हो? फांसी की सजा सुनाई गई है तुम्हें और तुम जश्न मनाना चाहते हो.” वजीर ने किसी तरह सबको समझाया और जश्न फिर से शुरू करवाया. दोस्त उदास थे. लेकिन वज़ीर की ख़ुशी के लिए जश्न में शामिल हो गए.
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यह ख़बर सैनिकों द्वारा सम्राट तक पहुँचाई गई. सम्राट पूरा माज़रा जानने वज़ीर के घर पहुँच गया. वहाँ पहुँचकर जब उसने सबको जश्न मानते हुए देखा, तो वह भी दंग रह गया. उसने वज़ीर से कहा, “तुम पागल हो गये हो क्या? शाम ६ बजे तुम्हें फांसी पर लटका दिया जायेगा और तुम जश्न मना रहे हो.“ वज़ीर बड़े ही अदब से बोला, “हुज़ूर! आपका बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने फांसी का वक़्त शाम ६ बजे मुकर्रर किया. इस तरह मुझे शाम ६ बजे तक का वक़्त मिल सका. यदि आप मुझे ये वक़्त न देते, तो मैं अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जश्न कैसे मना पाता? फांसी पर लटकने के पहले मेरे पास शाम तक का वक़्त है. ये मैं क्यों ज़ाया करूं? मेरे पास जितना भी वक़्त है, उसे मैं ख़ुशी-ख़ुशी गुज़ारना चाहता हूँ.” ये बात सुनकर राजा ने वज़ीर को गले लगा लिया और कहा, “जिस इंसान को वक़्त की कदर है. जो ज़िंदगी का हर लम्हा ख़ुशी-ख़ुशी गुजारना चाहता है. उसे मौत कैसे दी जा सकती हैं? उसे जीने का पूरा हक है. तुम्हारी बातों ने हमारा दिल ख़ुश कर दिया. तुम्हारी फांसी की सजा माफ़ की जाती है.”
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सीख – ज़िंदगी ख़ूबसूरत है. इसका हर लम्हा ख़ुशी के साथ गुजारें. ये ज़रूर है कि ज़िंदगी में कई बार मुश्किलों भरा वक़्त सामने आ खड़ा होता है और हम परेशान हो जाते हैं. ऐसे में हम ज़िंदगी जीना ही छोड़ देते हैं. मुश्किलों से हारे नहीं, उसका सामना करें और ख़ुशी के साथ करें. जो भी समय आपके पास है, उसका पूरा सदुपयोग करें. ये ज़िंदगी बार-बार नहीं मिलने वाली. इसे खुलकर जियें.
उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,
पर बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है…
4 Comments
If you love your life, don't squander time.... Because that's the stuff life's made of.
ReplyDeleteA story that teaches lessons!
ReplyDeleteKeep sharing!
Great story.
ReplyDeleteThis is so beautiful. Love to see more.
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