कुछ हसरतो का अधूरा रहना ही अच्छा है...
जिन्दगी जीने की ख्वाइश तो बनी रहती है।
हमारे जीवन मे कही बार हम ना चाहने पर भी अस्थिरता आ जाती है। तब हम बहोत निराश, हताश हो जाते है। चाहे वो किसी से अनबन हुई हो, किसी से मनमुटाव हुआ हो, किसी दोस्त से झगड़ा हुआ हो, नौकरी मे तरक्की ना हुई हो, व्यापार मे नुकसान हुआ हो या किसी परिजन की मृत्यु हुई हो। हम इस कदर निराश हो जाते है, उससे उभर नहीं पाते। हमें अपना जीवन उस संकट के आगे छोटा लगने लगता है, उस संकट से पीछा छुड़ाने के लिए हम ऐसा कदम उठाते है, जो हमें हमारी जीवन से ही दूर ले जाता है।
बॉलीवुड के नायक गुरुदत्त, नायिका सिल्क स्मिता, टेलीविज़न फेम कुणाल सिंह, गजनी फेम जिया खान, नायिका तथा नर्तिकी शिक्षा जोशी, बालिका वधु फेम प्रत्युक्षा बनर्जी, टेलीविज़न एक्टर कुशल पंजाबी, क्राइम पेट्रोल फेम प्रेक्षा मेहता, संत भय्यूजी महाराज, महाराष्ट्र के सुपरकॉप हिमांशु रॉय, कैफ़े कॉफ़ी डे के मालिक वी. जी. सिद्धार्थ और अब बॉलीवुड के उमदा नवजवान कलाकार सुशांत सिंग राजपूत की खबर ने तो फिर हमें झंझोर के रख दिया। इतना बड़ा कदम ये कैसे ले सकते है ? बाहर से सफल, सुखी दिखनेवाले मन के भीतर कितना हड़कंप मचा होगा, डिप्रेशन और अकेलेपन को समझना सहज नहीं रहा होगा। ये सब कामयाबी के पायदान पे चढ़ते वक़्त ज़िन्दगी के संघर्षो मे असफल हो गए। सफल व्यक्ति हमेशा खुश ही रहेगा, ऐसा नहीं है। सफलता उम्र, पैसा, पद, प्रतिष्ठा की मोहताज नहीं होती। हमारा जीवन नष्ट करनेसे कुछ पीछे नहीं छूटता, बल्कि कही अप्रिय, कड़वे, अनसुलझे सवाल पीछे छूट जाते है जिसके जवाब हमारे प्रियजनों को भी नहीं मिलते। ये हत्या उनके प्रति अपराध है, जिनके साथ ताउम्र रहने का आपने वादा किया था।
अस्थिरता हमारे जीवन मे आने के कही कारन है। जैसे की आप किसी के बारे मे कुछ ज्यादा ही सोच रहे हो, तनाव भरी ज़िन्दगी जी रहे हो। ज्यादातर लोग अपने काम मे भी खुश नहीं रहते, संतुष्ट ना होने की वजह से उनकी ज़िन्दगी उथल पुथल हो जाती है, वो निराशाजनक ज़िन्दगी जीने लगते है। अपनी बदलती दिनचर्या भी अहम् भूमिका निभाती है जैसे की देर रात तक जागना, पर्याप्त नींद ना होने की वजहसे अनगिनत बीमारी हमें घेर लेती है। फिर दवाओं की भरमार शुरू हो जाती है, एक दिन ऐसा आ जाता है, दवाई के बिना हम रह नहीं सकते। कुछ दवाई तो सीधा हमारे मूड पे असर दिखाती है। जैसे ही दवाई शरीर का हिस्सा बन जाती है सब गड़बड़ हो जाती है। कही बार तो असफल होने पर उतनी निराशा नहीं आती जितनी लोग क्या कहेंगे ये सोच के आती है। "हमारे ज़िन्दगी का सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग ?" आज हम अपनी समस्या किसी के साथ बाटते नहीं। क्योंकि के हमे लगता है, सुन तो लेगा लेकिन बाद मे हम पे हसेगा, सब को बोलकर मुझे मजाक का हिस्सा बनाएगा। शायद हमारे पास अब वो दोस्त नहीं रहे, जो हमें जांचे बिना हमारी बात सुनले, जिनके साथ हम एक कप चाय पीते और ढेर सारी गप्पे करते। और वो कहता, बोल क्या समस्या है? ये हमारी दोस्तों के प्रति प्राथमिकता एवं मूल्य हम कही समय के साथ पीछे खो गए है।
हमारे जीवन का तनाव कैसे दूर करे ? तनाव रहित जीवन कैसे बिताये ? कइ सारे सवाल हमारे मन मे है। उसके लिए रोज आपको पर्याप्त नींद लेना है, उठने के पश्चात थोड़ा समय योगाभ्यास, व्यायाम करना है। हमारी ज़िन्दगी मे हास्य का होना भी बहोत ज़रूरी है। कॉमेडी शो देखिये, परिजनों के साथ हसी मजाक कीजिये। ये भी एक हल्का फुल्का व्यायाम ही है। कभी आपकी मनपसंद संगीत को सुनिए, साथ मे गुनगुनाए। अगर आपको मैगज़ीन पढ़ने का शौक है तो वो भी पढ़िए, सकारात्मक विचार मिलते रहेंगे। सबसे अहम् भूमिका हमारे जीवन मे हमारे सामाजिक संबंध रखते है। मजबूत सामाजिक संबंध रखने से आपको तनावपूर्ण समय से गुजरने तथा चिंता को कम करने मे मदद मिलती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, आँखों से आँसू बहने दो। आंसू का बांध टूट गया तो समजलो हमारा तनाव भी उसमे बह गया।
एक बात हमेशा याद रखिये। वक़्त पे भरोसा कीजिये, वक़्त सारे घाव भर देता है। दुनिया मे अच्छे लोगो की कमी नहीं है, एक बार बात कर के मन हल्का कर के तो देखिए। हर समस्या अपने साथ समाधान लेके आती है। झूठी प्रतिष्ठा एवं सम्मान के अंधकार से बाहर निकलिए क्योंकि वहां अक्सर जीवन का दम घुटता है। जीवन बर्दाश्त करने का नाम है, मुँह मोड़ने का नहीं। परिस्थितियाँ बदलती नहीं हैं, लेकिन इस स्थिति के प्रति किसी का दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया बदली जा सकती है। हमें मानसिक तनाव रहित जीवन जीना होता है। हम खुद के करीब कितने है, हमारी भावनोओको हम कितना समझते है इसपर निर्भर करता है। इसके लिए हमें गहराईसे प्रयास करने होंगे तभी हम हमारे जीवन की अस्थितरता रोक सकते है। और एक बात हमें अपनों के लिए समय निकालना है, हमारे काम से ज्यादा उन्हें प्राथमिकता देनी है। उन्हें कहना है, मेरा दरवाज़ा हमेशा खुला है, एक कप चाय के साथ घंटो तक बात करेंगे। मै सिर्फ एक मैसेज की दुरी पर हु। जब कहेगा तब तैयार हु तुझे सुनने के लिए, तेरे हर परेशानी को दूर करने के लिए।
जब एक दरवाजा बंद होता है, दूसरा खुल जाता है. लेकिन अक्सर हम उस बंद दरवाजे को इतने अफ़सोस के साथ देखते हैं कि जो दरवाजा खुला है उसे देख नहीं पाते। -अलेक्जेंडर ग्रैहम बेल
9 Comments
Really true.....
ReplyDeletetruth of life
ReplyDeleteI wish everyone could become rich and famous so that they could realize that it's not the answer
ReplyDelete- Jim Carrey
ध्यान रहे एक तरफ से दरवाजा बंद है तो दूसरी तरफ से भी कुण्डी होती है।बस उसे बंद कर दीजिए और जिंदगी का मज़ा लीजिए।
ReplyDeleteमस्तच
ReplyDeleteBahut he umda aur satik lekhni
ReplyDeleteEnjoy the life like an icecream
ReplyDeleteMelt toh honi hi h
Kyu na melt hone se pehle Uska enjoy liya jaaye
Right suicide is not a solution for anything
ReplyDeleteWell written
ReplyDelete