How to come out of Depression in Hindi डिप्रेशन/ अवसाद से बाहर कैसे निकले

How to come out of Depression


When people don’t know exactly what depression is, they can be judgmental.” 

– Marion Cotillard

What is Depression ? अवसाद क्या है ?


          अवसाद एक आम और गंभीर समस्या है। जो आपको हमेशा नकारात्मक विचारोसे घेरे रखती है। आपके सोचने के तरीके और कार्य करनेके तरीके को नकारात्मक ऊर्जासे प्रभावित करती है। ये भावनात्मक और शारीरिक समस्याओको पैदा कर सकता है। अपने कार्य करने की क्षमता को कम करता है। हम बहोत बार उदास महसूस करते है और ये हमारे संघर्षमय जीवन की सामान्य  प्रतिक्रिया है। कभी बिना स्पष्ट कारण के भी ये उदासी बढ़ती ही जाती है। जब ये कही हफ्तोतक या फिर कई महिनोतक रहती है तब ये काफी निराशाजनक महसूस कराती है और हमें असहाय महसूस होता है।

         जीवन की घटनाओमे अगर कठनाईया है अर्थात निरंतर बेरोज़गारी, एक अपमानजनक और अनियंत्रित संबंध मे रहना, दीर्घकालीन अकेलापन, जॉब छूटने का डर, लम्बे समयतक काम का तनाव अगर है तो जीवन काफी कठिन प्रतीत होने लगता है। 

            कही व्यक्तिगत कारण भी अवसाद के हो सकते है जैसे की काफी दिनों से कोई गंभीर बीमारी हो, मादक पदार्थो का लगातार सेवन हो, किसी कारण से खुद को दोषी ठहराना, चिड़चिड़ा, बैचैन महसूस करना, किसी ना किसी बातसे हमेशा चिंतित रहना, कभी कभी हम लोगो के सामने झूठी ख़ुशी जताते है, दिखावा करते है।

            मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं होता, खुद को किसी काम के लायक ना समजना। हमारे जीवन मे अस्थिरता जब आती है तब हम ना चाहते हुए भी अवसाद के शिकार हो जाते है। 
        

Signs of  Depression  


           अवसाद के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते है जैसे की हमेशा उदास रहना, जो काम कर के अच्छा लगता था उस काम मे भी मन ना लगना। भूक मे परिवर्तन होना। नींद न आना या फिर बहोत नींद आना। हमेशा थकान महसूस होना, किसी भी काम मे मन ना लगना। एक्राग मन से कोई निर्णय नहीं ले पाना। चीज़े याद रखने मे परेशानी होना। भविष्य तथा अपने बारे मे नकारात्मक विचार आना। 

          किशोरावस्था मे अवसाद कुछ इस प्रकार दिखता है जैसे घर से बाहर ना जाना, अकेले रहना। शारीरिक शिकायते जैसे सिरदर्द, पीठदर्द, माँसपेशियोंके दर्द लगातार होना जो की असहनीय होते है। महिलाओमे अवसाद के लक्षण जल्दी दिखाई देते है जैसे ज्यादा नींद आना, एकदम वजन बढ़ जाना, अधिक खाना। 

          मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृति के दौरान हार्मोनल कारकोसे अवसाद भी प्रभावित होता है। वास्तव मे प्रसव के बाद ७ मे १ महिला अवसाद का अनुभव करती है।   




How to come out of depression and stress ? 

डिप्रेशन/ अवसाद से बाहर कैसे निकले ?


          एक छोटा कदम आपको ऊर्जावान महसूस कराएगा। जो आपके नियंत्रण मे है और आप अपनेआप मे अच्छा सुधारभी ला सकते है आप जैसे भी हो वैसे खुद को अपनाओ। अपने आपसे प्यार करो। क्योंकि ये स्वीकारता ही आपको नकारात्मक भावनासे बाहर ले जाएगी। अपनी भावनाओको दबाके मत रखो, जो भी अच्छा करना चाहते हो वो कर के देखो। आज जो भी करने का मूड है वो करो क्योंकि कल के भरोसे जिओगे तो कुछ कर नहीं पाओगे।

           हमेशा नया करने मे तत्पर रहो। जब आप कुछ नया करने की सोचते है तो लम्बी सूची मत बनाओ, पहले छोटे छोटे १ या २ कामो पर ही अपना लक्ष्य बनाये रखो। अगर आपकी सूची लम्बी रही तो आप एक भी काम नहीं कर पाओगे। अच्छी कार्य करने की सूची आपको प्रबल बनाएगी और आप नकारात्मक सोच से काफी आगे निकल चुके होंगे।

           आपकी दिनचर्या बनाए, आपका दिन कैसा होना चाहिए लेकिन इसका मतलब ये कदापि नहीं की आप दिनभर व्यस्त रहे। कुछ ऐसा करो जिसमे आपको मजा आये क्योंकि ये खुश होने की भावना आपको ज्यादा शक्तिशाली महसूस कराएगी। वो काम कुछ ऐसा हो की आपको आराम महसूस कराये जैसे की कोई वाद्य बजाना हो, गाने सुनना हो, पेंटिंग करना हो, लम्बी पैदल यात्रा हो या फिर बाइक चलाना हो या अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना हो या किसी के साथ फ़ोन पे बात करना हो या आपके पसंद का कुछ और भी हो सकता है। 

          रोज़ एक ही काम करने से हम बोर हो जाते है तो कुछ अपना समय बिताके आप अपने आप को खुश रख सकते है। व्यायाम और ध्यानसाधना करे आपको कार्य करने की ऊर्जा मिलती रहेगी। अवसाद के साथ हर कोई अपनी उदासी और निराशा प्रकट नहीं करेगा। छुपे हुए अवसाद को पहचनो। 

          भागदौड़ भरी ज़िन्दगी मे खानपान का हम ध्यान नहीं रखते ये भी अवसाद को प्रभावित करता है। संतुलित आहार भी महत्वपूर्ण भुमिका निभाती है। अपने खानपान का ध्यान रखे  काजू ,बादाम से विटामिन सी, इ मिलेगा। फाइबर, प्रोटीनयुक्त पदार्थ खाने से आपका मूड भी अच्छा रहेगा। अंडे मे विटामिन बी होता है जो आपको तनाव से दूर रखता है। पत्तेदार सब्जिया जैसे पालक, गोबी का भी समावेश कर सकते है। आप फलाहार भी कर सकते है, केले मे विटामिन बी मे भरपूर मात्रा मे पाया जाता है।

           परिवार का स्नेह, प्यार भी अवसाद से बाहर निकालने के लिए बहोत महत्वपूर्ण है। अवसाद होने वाले व्यक्ति को मरीज ना समझे, ऐसी बाते भी ना करे जिससे वो परेशांन हो, उसे अकेला ना रहने दे।अपनी बाते उसपे ना लादे, जब तक आप उस स्थिति से नहीं गुजरते तब तक आपका ज्ञान सीमित है, अगर स्थिति असामान्य हो रही है हो तो डॉक्टरसे परामर्श ले।  याद रखे अवसाद किसी भी उम्र मे हो सकता है तो सतर्क रहो और अपना ध्यान रखो।    





एक सवेरा था जो हस के हुआ करता था, 
आज बिना मुस्कुराये ही दिन ढल जाता है... 


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