9 October - World Post Day




          चिट्ठी पत्र का दौर भले ही पहले के मुकाबले कम हो गया हो लेकिन आज भी संचार का यह माध्यम सबसे बेहतरीन माना जाता है। सैकड़ों संस्थाएं, कार्यालय आज भी आधिकारिक कार्य के लिए डाक पर भरोसा करते हैं। आईए जानते हैं विश्व डाक दिवस को मनाने की शुरुआत क्यों और कैसे हुई। साथ ही भारतीय डाक सेवा का इतिहास और विश्व में भारतीय डाक की भूमिका के बारे में भी जानें।

          ई-मेल के युग से पहले, दुनिया भर में खत हाथ से लिखे जाते थे और डाक से भेजे जाते थे। बदलते समय और बढ़ती तकनीक ने लोगों को अनेकों सुविधाएं भले दे दी लेकिन आज भी डाक सेवाएं विश्व स्तर पर पार्सल की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्मार्ट फोन और इंटरनेट के दौर में लोग डाक सेवा को लगभग भूल से गए हैं लेकिन आज भी जिन जगहों पर आपका स्मार्ट फोन या इंटरनेट नहीं पहुंच पाता, वहां डाक पहुंच जाती है। 

          भारत 1 जुलाई, 1876 को ‘’यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन’’ का सदस्य बना। भारत में पहली बार डाक व्यवस्था की शुरूआत वर्ष 1766 में की गई थी। वर्तमान में भारतीय डाक विभाग संस्था में डेढ़ लाख से ज्यादा पोस्ट ऑफिस है जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है। यह लगभग 8086 जनसंख्या को अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

            भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्टुबर, 1854 को हुई। वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ, वारेन हेस्टिंग्स ने वर्ष 1774  में कोलकाता में पहला डाकघर स्थापित किया।

           भारत में सन 1852 में पहली बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई। महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था।

> जब देश आजाद हुआ था उस वक्त पूरे देश में 23,344 डाक घर थे। 

> अगर शहरी क्षेत्रों की बात करें तो 19,184 डाक घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 4,160 डाक घर थे।

> भारत में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को सेवा प्रदान करता है।

मुख्य तथ्य-

  • डाक व्यवस्थाओं ने खुद को न केवल अपडेट किया है बल्कि नई तकनीकी सेवाओं से जोड़ा है।
  • रिपोर्ट्स की मानें तो 82 फीसदी वैश्विक आबादी को डाक विभाग से होम डिलेवरी का फायदा मिलता है। 
  • पूरी दुनिया में लगभग 55 प्रकार की पोस्टल ई-सेवाएं मौजूद हैं। 
  • 77 फीसदी सेवाएं डाक द्वारा दी गई हैं।
  • बता दें कि पोस्टल कोड 142 देशों में प्रयोग किए जा रहे हैं। 
  • देश में डाक वितरण भारतीय डाक विभाग पिनकोड नंबर यानी पोस्टल इंडेक्स नंबर के आधार पर काम करता है।
  • पिनकोड नंबर की शुरुआत 15 अगस्त, 1972 में हुई थी।

विश्व डाक दिवस का उद्देश्य -

विश्व डाक दिवस का उद्देश्य लोगों और व्यवसायों के रोजमर्रा के जीवन में पोस्ट की भूमिका के साथ-साथ वैश्विक, सामाजिक और आर्थिक विकास में इसके योगदान के लिए जागरूकता लाना है।

डाकघर बचत योजनाएं​ -

> डाकघर बचत खाता

> ५​-वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा खाता (आर डी)​​

> डाकघर सावधि जमा खाता (टी डी) ​​​

> डाकघर मासिक आय योजना खाता (एम आई एस)​

> वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एस सी एस ए​​स)​​​

​> १५ वर्षीय सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (पीपीएफ)​​

> सुकन्या समृद्धि खाता

> ​राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एन एस सी)

> किसान विकास पत्र (के वी पी)​

> ​महिला सम्मान बचत पत्र

​> प्रधानमंत्री बाल केयर योजना, 2021

ऐसी कही सारे योजनाऐं मे आप निवेश कर सकते है। आपको अगर किसी भी योजना मे निवेश करना है तो आपके नजदीक के पोस्ट ऑफिस मे visit करे। फ्रॉड कॉल और फ्रॉड लोगों से सतर्क रहे। 


For More Details Follow us here WhatsApp channel and Telegram channel

THANK YOU!

Post a Comment

0 Comments