राम मंदिर का इतिहास

  राम मंदिर का इतिहास


          राम मंदिर का इतिहास भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। राम जन्मभूमि भारत के एक प्राचीन शहर अयोध्या में स्थित राम भूमि है जो हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। 

        बाबरी मस्जिद के इतिहास और राम जन्म भूमि को लेकर राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक बहस शुरू हो गई और कहा गया कि मस्जिद का निर्माण करने के लिए मंदिर को नष्ट कर दिया गया है जिसे अयोध्या विवाद के नाम से जाना जाता है।

          राम मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि प्रभु श्रीराम के जन्मस्थल पर ही यह मंदिर स्थापित है।  राम जन्मभूमि का अर्थ है वह स्थान जहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, जो हिंदू देवता विष्णु के 7 वें अवतार हैं।

   

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  Interesting Facts of Ayodhya Ram Mandir

  • बता दें कि 2003 में पुरातात्विक खुदाई में मस्जिद के मलबे के नीचे एक मंदिर की उपस्थिति का संकेत मिला है, जिसके बाद यह माना जाता है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण मंदिर के उपर किया गया था और वो श्री राम का है।  

  • आपको बता दें कि 1853 मे निर्मोही अखाड़े से संबंधित सशस्त्र हिंदू तपस्वियों के एक समूह ने बाबरी मस्जिद स्थल पर कब्जा कर लिया और इस जगह का स्वामित्व होने का दावा किया। इसके बाद नागरिक प्रशासन 1855 में, मस्जिद परिसर को दो भागों में विभाजित किया, जिसमें से एक हिंदुओं के लिए, और दूसरा मुसलमानों के लिए।

  • 1883 में हिंदुओं ने मंच पर एक मंदिर बनाने का प्रयास शुरू किया। जब प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी तो वे इस मामले को कोर्ट में ले गए।

  • 1885 में हिंदू उप न्यायाधीश पंडित हरि किशन सिंह ने मुकदमा खारिज कर दिया। इसके बाद, उच्च न्यायालयों ने भी 1886 में मुकदमे के पक्ष में मुकदमा खारिज कर दिया। दिसंबर 1949 में हिंदू धर्म के लोगों को मस्जिद में राम और सीता की मूर्ति मिली जिसके बारे में कहा गया कि वे चमत्कारिक रूप से प्रकट हुई है। लेकिन मुस्लिम धर्म के लोगों ने यह दावा किया कि वे मूर्ति कुछ हिन्दुओं द्वारा रखी गई थी।

  • जैसे ही राम और सीता की मूर्ति मंदिर में मिली तो हजारों हिंदू भक्तों ने वहां जाना शुरू किया, इसके बाद सरकार ने मस्जिद को विवादित क्षेत्र घोषित कर दिया और उसके द्वार बंद कर दिए। इसके बाद हिंदुओं द्वारा कई मुकदमे किये गए, जिसमें के कई मुकदमों ने स्थल को पूजा स्थल में बदलने की अनुमति मांगी गई।

  • 1980 के दशक में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अन्य हिंदू राष्ट्रवादी समूहों और राजनीतिक दलों ने स्थल पर राम जन्मभूमि मंदिर बनाने का अभियान चलाया। राजीव गांधी सरकार ने हिंदुओं को पूजा करने के लिए इस जगह का इस्तेमाल करने करने की अनुमति दी।

  • 6 दिसंबर 1992 को हिंदू राष्ट्रवादियों ने मस्जिद को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद कई सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें 2,000 से अधिक लोग मारे गए।

  • बता दें कि जब 2003 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अदालत के आदेशों पर राम के पास जाएगी। 1/3 भूमि इस्लामिक सुन्नी वक्फ बोर्ड और शेष 1/3 एक हिंदू धार्मिक संप्रदाय निर्मोही अखाड़ा को दी जाएगी।

  • जब इस जगह की खुदाई की तो एएसआई की रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद के नीचे 10 वीं शताब्दी के मंदिर की उपस्थिति का संकेत मिला। मुस्लिम समूहों और उनका समर्थन करने वाले इतिहासकारों ने इस रिपोर्ट का विरोध किया और इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया। लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई की इस रिपोर्ट को बरकरार रखा।


          राम मंदिर निर्माण एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कदम है, जो भारतीय समाज को एकीकृत करता है और हिन्दू संस्कृति और धर्म के प्रति श्रद्धा को प्रतिष्ठा देता है। यह संकल्प का प्रतीक है जो श्री राम के भक्तों की आस्था, मानवता और सद्गुणों को बढ़ावा देने का संकेत करता है। हमें कही जगह अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृती देखने मिली है, एक आपके साथ साँझा करती हु। 

          अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। जिसका उद्घाटन आनेवाले 22 जनवरी  2024 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। 

          लेकिन कोई गहरी वजह तो होगी कि इस शुभ कार्य के लिए 22 जनवरी को ही क्यों चुना गया? आइए जानते हैं इस तारीख को चुनने के पीछे की वजह>

          ज्योतिषियों के अनुसार 22 जनवरी को कर्म द्वादशी है। यह द्वादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था।  

          धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णुने कछुए के रूप में अवतार लेकर समुद्र मंथन में सहायता की थी। 
अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृती Pc- Chetan Dixit


           भगवान श्री राम भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसलिए इस दिन को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए बहुत शुभ माना जाता है और यही कारण है कि इस दिन को इस शुभ कार्यक्रम के लिए चुना गया है। 

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