Tea Time - “A Cup Of Tea Makes Everything Better”



          चाय का क्या कहना ? जिससे हमारे दिन की शुरुवात होती है और उसके बिना शाम भी नहीं कटती। तो आज हम बात करेंगे चाय के बारे मे। ऐसा कहा जाता है की भारत मे 80 प्रतिशद लोगो की सुबह चाय के साथ ही होती है। इतना ही नहीं, काम मे मन नहीं लग रहा, सिरदर्द हो रहा हो, थकान लग रही हो, नींद को भगाना हो तो चाय रामबाण उपाय है।  

          अब आप बताइए, चाय को हिंदी मे क्या कहते है ? "चाय" अगर आपका जवाब है तो आप गलत हो। चाय को हिंदी मे 'दुग्ध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी' कहते है। चाय ये चीनी शब्द है। अब ये चाय कहासे आई है, आगे देखते है। 

          एक कथा के अनुसार क़रीब 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग बग़ीचे में बैठे गर्म पानी पी रहे थे। तभी एक पेड़ की पत्ती उस पानी में आ गिरी जिससे उसका रंग बदला और महक भी उठी। राजा ने चखा तो उन्हें इसका स्वाद बड़ा पसंद आया और इस तरह चाय का आविष्कार हुआ। हम चाय के प्रकार देखेंगे लेकिन उसके पहले हम चाय के बारे मे कुछ रोचक तथ्य देखते है। 



रोचक तथ्य  >


> भारत चाय का उपभोग करने के मामले में पहले नंबर पर है। 

> भारत चाय उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है।

> भारत मे सबसे ज्यादा चाय उत्पादन आसाम और दार्जिलिंग मे होता है। 

> पानी के बाद चाय दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय है। 





चाय के प्रकार

 (Types of Tea in Hindi)


1. पुदीना चाय (Mint tea)

          Mint tea यानी पुदीने की चाय, जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि यह चाय पुदीने की बनी होती है, जिसका फ्लेवर Cool और रिफ्रेशिंग होता है।

          यह चाय पेट से जुड़ी समस्याओं और ऐंठन को दूर करने में काफी सहायक होता है। पुदीने की पत्तियों में ऐंटीस्पासमोडिक गुण होते है जो मांसपेशियों में ऐंठन से राहत दिलाने में लाभकारी होता है, और इसके इस्तेमाल से पेट दर्द से आराम मिलता है।




2. अदरक वाली चाय (Ginger tea)

          Bloating यानी पेट फूलने की दिक्कत या लूज मोशन (दस्त) की परेशानी हैं तो हम आपको बता दें कि अदरक को पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए सबसे बेस्ट उपाय माना जाता है। 

           अदरक में Gingerol नामक Bioactive compound (जैव सक्रिय यौगिक) पाया जाता है, जो इन दिक्कतों को कम करने में सहायक होता है।




3. हल्दी वाली चाय (Turmeric tea)

          हल्दी में मौजूद ऐंटीइन्फ्लेमेट्री और ऐंटीऑक्सिडेंट के गुण होने के कारण हल्दी का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।



          अगर आप हल्दी वाली चाय में हल्दी के साथ में चुटकी भर काली मिर्च भी डाल दी जाए तो यह पेट में गैस और पाचन तंत्र की समस्याओं से निजात दिलाता है।


4. नींबू की चाय (Lemon Tea)

          Lemon Tea बिना दूध की चाय में नीम्बू डालकर बनाई जाती है जिसे पीने के तमाम फायदे होते हैं। लेमन टी (नींबू की चाय) पीने से आपका वजन तो कम होता ही है साथ ही यह पेट की गंदगी को साफ कर आपके पेट की चर्बी घटाने में भी आपकी सहायता करता है। यह हृदय संबन्धी कई समस्याओं से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।




5. ग्रीन टी (Green tea)

           Green tea पारंपरिक चाय तो नहीं है लेकिन यह आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाती है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम कर मोटापे से बचाती है।




           भारत में चाय के दीवानों की कमी नहीं है। सर्दी, गर्मी और बरसात चाहे कोई भी मौसम हो गर्म चाय की चुस्कियां लेना यहाँ सभी को पसंद है। हमारे संस्कृति मे अतिथि का स्वागत भी चाय से करने का रिवाज है। इतना बड़ा पद हमने आज 'सावली सी चाय' को दे रखा है। एक चाय ही तो है जो हमें सावली पसंद है। सच कहा ना ?  

        


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