The Iron Lady Karnam Malleswari Biography In Hindi कर्णम मल्लेश्वरी का जीवन परिचय

          
       भारतीय भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। मल्लेश्वरी ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी है। विश्व चैंपियन में तीन बार कांस्य पदक पर जीता लेकिन उनको सबसे बड़ी कामयाबी 2000 के सिडनी ओलंपिक में मिली। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में  'द आयरन लेडी' कर्णम मल्लेश्वरी का जीवन परिचय देखनेवाले है। 

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 'द आयरन लेडी' कर्णम मल्लेश्वरी का जीवन परिचय

कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म -

          कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म 01 जून, 1975 को भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम मनोहर तथा माता का नाम श्यामला है। इनकी चार बहने भी है। जिनमें से एक नेशनल लेवल की वेटलिफ्टर है, जिसका नाम कृष्णा कुमारी है।

          परिवार के लोग पुराने रीति-रिवाजों में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, जो कि घर की महिलाओं और लड़कियों को ज्यादा बाहर जाने से रोक लगा देते थे। कर्णम मल्लेश्वरी के पिता रेल्वे विभाग में सुरक्षा बल में एक कॉन्स्टेबल थे। कर्णम मल्लेश्वरी का उनकी माता के प्रति काफी ज्यादा लगाव था। कर्णम मल्लेश्वरी की माता ही अपने बेटियों के साथ समय समय पे खड़ी रही है। अपने जीत का श्रेय वो सर्वप्रथम अपने माता को देती है।   

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        ’द आयरन लेडी’ कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि, ''मेरी मां ने मुझे कहा कि अगर तुम्हें बुरा लगता है कि लोगों ने तुम्हारी क्षमता पर संदेह किया है, तो उन्हें ग़लत साबित करो। मुझे पहला समर्थन मेरी मां से ही मिला।''

कर्णम मल्लेश्वरी की शिक्षा -

          कर्णम मल्लेश्वरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ZPPG नामक एक विद्यालय से प्राप्त किया। इसके बाद इन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई भी पूरी की। कर्णम मल्लेश्वरी का रुझान शुरुआती समय से ही वेटलिफ्टिंग की तरफ था, इसके साथ साथ इनका मन खेलकूद में भी काफी लगता था। 

कर्णम मल्लेश्वरी अचीवमेंट्स -

> 1993 मेलबर्न विश्व चैंपियनशिप में कांस्य (54 किग्रा) जीता। 

> 1994 इस्तांबुल विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण (54 किग्रा) जीता। 

> हिरोशिमा में 1994 एशियाई खेलों में रजत (54 किग्रा) अपने नाम किया। 

> 1995 गुआंगज़ौ विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण (54 किग्रा) ले आई। 

> 1996 गुआंगज़ौ विश्व चैंपियनशिप में कांस्य (54 किग्रा) जीता। 

> 1998 के बैंकाक एशियाई खेलों में रजत (63 किग्रा) अपने नाम किया। 

> 2000 सिडनी में कांस्य ओलिंपिक गेम्स वेटलिफ्टिंग इवेंट किया। (69 किग्रा)

> मल्लेश्वरी ने सिडनी ऑलम्पिक {2000} में जैसे ही कांस्य पदक जीता, वह ऑलम्पिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयीं।

कर्णम मल्लेश्वरी पुरस्कार -

> अर्जुन पुरस्कार (1994-95)

> राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (1995-96)

> पद्मश्री (1999)

           पद्मश्री देते वक़्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि, भारत की बेटी कर्णम मल्लेश्वरी ने इस जीत से देश का नाम बहुत ऊँचा किया, उनकी इस जीत को हमेशा याद किया जायेगा और देश की अन्य लड़कियां उनसे प्रेरणा प्राप्त करेंगी। 

          मल्लेश्वरी ने अपने 10 सालों के करियर में 11 गोल्ड मैडल, 3 सिल्वर मैडल एवं 1 ओलंपिक ब्रोंज मैडल जीता था। 

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         भारोत्तोलन के क्षेत्र में ऑलम्पिक में कांस्य विजेता बनकर ऐतिहासिक जीत हासिल करनेवाली कर्णम मल्लेश्वरी को सफलता पर हर भारतीय को गर्व होगा कि एक महिला होते हुए भी मल्लेश्वरी ने भारत का नाम खेलों की श्रेणी में अमर कर दिया। इस जीत के बाद कर्णम मल्लेश्वरी को  'द आयरन लेडी' के नाम से सम्बोधने लगे। 

शादी, बच्चे और खेल -

          कर्णम मल्लेश्वरी ने 1997 में साथी भारोत्तोलक राजेश त्यागी से शादी की। वह भारोत्तोलन संघ के महासचिव थे। 2001 में, मल्लेश्वरी ने एक बेटे, शरदचंद्र त्यागी को जन्म दिया। वह भी अपने माता-पिता की तरह एक स्पोर्ट्स पर्सन, एक उभरते हुए निशानेबाज हैं। उन्होंने २०१५ में १० मीटर राइफल शूटिंग में भाग लिया और पुणे के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप, गन फॉर ग्लोरी चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया।


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          1997 में राजेश त्यागी से शादी के बाद मल्लेश्वरी सन 2000 तक खेल में काफी सक्रीय रही। 2001 में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके बाद वे अपने बच्चे के परवरिश में व्यस्त हो गई। 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स से मल्लेश्वरी गेम में वापसी का विचार बना रही थी, लेकिन तभी अचानक उनके पिता का निधन हो गया, जिस वजह से मल्लेश्वरी उस गेम में हिस्सा नहीं ले पाई। इसके बाद सन 2004 के ओलंपिक में मल्लेश्वरी ने भाग लेने का मन बनाया, जिसके लिए उन्होंने क्वालीफाईइंग खेल खेला, लेकिन उन्हें अच्छा स्कोर नहीं मिला। इस हार से मल्लेश्वरी बहुत हताश हुई और इसके बाद उन्होंने वेटलिफ्टिंग से सन्यास ले लिया। 

कर्णम मल्लेश्वरी पर बायोपिक-

         बॉलीवुड में चर्चा हो रही है कि विद्या बालन अब भारतीय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी की बायोपिक में नजर आ सकती हैं। हाल ही में कर्णम मल्लेश्वरी की बायोपिक को लेकर घोषणा हुई थी। फिल्म के निर्माता-निर्देशक स्क्रिप्ट और कास्टिंग प्रक्रिया में व्यस्त हैं। कर्णम मल्लेश्वरी की जन्मदिन पर [ जून } ये बायोपिक आने की संभावना है। 

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FAQ'S-

प्रश्न- साल 1990-1991 में 52 किलो वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन कौन बनी थी?

 > कर्णम मल्लेश्वरी

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी ने 54 किलो वर्ग में नया विश्व रिकार्ड बनाते हुए 3 स्वर्ण पदक कब जीता था?

> 1995

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी को अर्जुन पुरस्कार से कब सम्मनित किया गया था?

> 1995

प्रश्न- ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी कौन है?

> कर्णम मल्लेश्वरी

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से कब सम्मनित किया गया था?

> 1996

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी कौन है?

> भारत की महिला वेटलिफ्टर

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी के पति का नाम क्या है?

> राजेश त्यागी

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी के बेटे का क्या नाम है?

> शरदचंद्र त्यागी

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी ने अपने करियर की शुरुआत कितने वर्ष में की थी?

> 13 वर्ष की आयु में।

प्रश्न- कर्णम मल्लेश्वरी को प्राप्त सबसे अमूल्य पुरस्कार कौन सा है?

> पद्मश्री पुरस्कार

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