Live Your Life For You, Not To Please Expectation

      


  EXPECTING is my favorite crime &

DISAPPOINTMENT is always my punishment.  

          दुनिया मे अगर कुछ छोड़ने जैसा है तो दूसरों से उम्मीद छोड़ दो। ये मैंने  whatsapp status पर पढ़ा और शुरू हुआ मेरे मन मे विचारों का खेल। फिर एहसास हुआ, हर किसी को किसीसे उम्मीद है। ताज्जुब तो देखिये, जैसे की मैंने पढ़ा..........  दूसरों से उम्मीद छोड़ दो।  ये करने के लिए भी मुझे खुद से उम्मीद ही रखनी है की मै दूसरे से उम्मीद छोड़ दू । इसलिए मै कहना चाहूंगी, उम्मीद है तो जीवन है अर्थात जिंदगी ही उम्मीद है। 

Don't blame people for disappointing you, Blame yourself for expecting too much for them.

 क्या है ये उम्मीद ? What is Expectation?

          अँधेरे के बाद उजाले का इंतज़ार, परीक्षा के बाद परिणाम का इंतज़ार, हार के बाद जीत का इंतज़ार, गम के बाद ख़ुशी का इंतज़ार, रूठने के बाद मनाने का  इंतज़ार, सपना हकीकत बनने का इंतज़ार, भटकती राहों से वापस आने का इंतज़ार। फ़िलहाल तो इतना ही कहना चाहूंगी, गुजरा हुआ कल और आनेवाला कल इन दोनों के बीच का सफर उम्मीद है।

          सबका एक सपना होता है उसमे हमें हमारे लिए कुछ करना होता है। यह हमारे लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने हेतु है। सही दिशा मे रखा गया हर कदम हमारी महत्वकांक्षा को पूरा करता है। मेरा ये मानना है की जहा सपना पूरा करने की महत्वकांक्षा हो वहां उम्मीदों भरा समुन्दर भी होना चाहिए। हमारी इच्छाओं के काम करने के प्रक्रिया मे हम सभी दो भावनात्मक चरणोंसे गुजरते है। पहला वो जो हमारे परिणाम से पहले हमारे साथ होता है और दूसरा वो जो परिणाम के बाद हमारे दिमाग मे रहता है और ये दौर किसी प्रतियोगीता से कम नहीं। इसलिए हमें इस भावनात्मक चपेट मे न आते हुए आगे बढ़ना है। 

One of the secret of happiness is low expectation.

          जब हम लक्ष्य की दौड़ मे होते है तो चिंता होना लाजमी है। समुद्री लहर की तरह हमारे मन मे भी कुछ सवाल तूफान लिए आते है। क्या मै सही रास्ते जा रहा हु ? क्या मुझे सफलता मिलेगी ? क्या मेरी तैयारी पर्याप्त है जितने के लिए ? सब ठीक तो है ना ? इस तरह ख्याल आना नियमित है। लेकिन अगर ऐसी भावनाओं को उचित रूप से नियंत्रित नहीं किया तो प्रभाव हानिकारक हो सकता है। ऐसी सभी अपेक्षाएँ जो मानव व्यवहार को विकृत करती है वो 'उम्मीद त्रुटियाँ' कहलाती है। हमें आशावान जरूर होना चाहिए लेकिन हमारी सफलता को प्रभावित करनेवाली अपेक्षाओं की एक निश्चित सीमा होनी चाहिए, नहीं तो आप कितने भी तैयार और सक्षम रहो लेकिन त्रुटियों का प्रबंध नहीं किया तो आप हमेशा असुरक्षित रहेंगे।  



उम्मीद त्रुटियों से निपटने के लिए उपाय बताती हु। 


 Here are a few ideas to deal with ‘expectation errors’:-

Be ready to accept - स्वीकार करने के लिए तैयार रहें

अपेक्षा उचित है, केवल तभी जब स्वीकृती की भावना के साथ हो। इच्छा के रॉकेट को लॉन्च करने से बहोत पहले अपने आप को परिणाम के लिए खुद को तैयार रखना ही समजदारी है। परिणाम चाहे जो भी हो शांति से अपना लेने मे ही भलाई है।

Plan B must always be in place -प्लान बी हमेशा जगह पर होना चाहिए

जब हम किसी अवसर पर आगे बढ़ने की बात करते है और किसी कारणवश असफलता हाथ लगती है तो ऐसे समय मे हमें दूसरा प्लान अपनाना चाहिए। जो हमारे पास पहले से तैयार होना अनिवार्य है।

Meditate & be Mindful - ध्यान करें और सावधान रहें

विजेता हमेशा अपना जीवन शांति से जीते है अर्थात वो तनाव से बचते है और हमेशा आनंदी रहते है। अगर आपकी इच्छाए आपको परेशान करती है इसका मतलब आप जीत के रास्ते पर नहीं हो। इस रास्ते पर सतर्क होना ही बेहतर है। शांति के लिए दिन मे केवल १० मिनट ध्यान करना ज़रूरी है। सफल होने के लिए ये भी ज़रूरी है।


Don’t compare yourself with others & Respect yourself - अपनी तुलना दूसरों से न करें, खुद का सम्मान करें

जब सफलता दूर दूर तक ना दिखाई दे तब आत्मसम्मान को ऊपर रखना चाहिए। ऐसा करने से आपकी असमर्थता आपको अस्थिर नहीं होने देगी। असफलता जैसा कुछ नहीं है बल्कि असफलता तो सफलता की पहली सीढ़ी है। जीत के राह पर चलने वाली सीख है इसलिए अपनी तुलना दुसरो से न करते हुए खुद का सम्मान करे और पहली सीढ़ी पर चढ़ते हुए आगे की ओर प्रस्थान करे।

Be prepared to rework- फिर से काम करने के लिए तैयार रहें

कभी कभी हमारे लक्ष्य हर तरह से योग्य होते है लेकिन समय सही नहीं होता है। ऐसा भी हो सकता है हमारी तैयारी लक्ष्य के लिए कम पड़ गई हो। थोड़ी देर में हमारी आकांक्षाओं की समीक्षा करना सार्थक है। लेकिन कभी आशा ना छोड़े और दोबारा अपने लक्ष्य पे काम करने के लिए तैयार रहे।

Calibrate the worst- सबसे खराब जांचना

अपनी परियोजना शुरू करने से पहले सबसे ख़राब संभावित परिणाम का मूल्यांकन करे। अर्थात अगर मुझे मनचाही लक्ष्य प्राप्त नहीं हुइ तो मेरा कितना और क्या क्या नुकसान हो सकता है ? ऐसा खुद को जांचने से आप आनेवाली स्थिति का सामना डटकर कर सकते है। और आनेवाले उम्मीद की त्रुटियों से खुद को बचा सकते है।


Start by lowering your expectations अपनी उम्मीदों को कम करना शुरू करें

          उम्मीद की त्रुटियोंसे खुद को बचाना अगर संभव नहीं हुआ तो हाथों मे सिर्फ निराशा ही लगती है। निराशा अक्सर हमें तब होती है जब आपकी आशाए एवं अपेक्षाए संतुष्ट नहीं होती। हमारा जीवन कभी रेखिक नहीं हो सकता। आप अपने जीवन की योजना बना सकते हो लेकिन वो हमेशा आपके अपेक्षा के अनुरूप ही चलेगी, ऐसा हो नहीं सकता।  

          उम्मीदों के बिना जीवन जीना चुनौतीपूर्ण है। हम हर चीज मे उम्मीद रखने के आदी है। इसलिए अपेक्षा रखते वक़्त हमें जागरूक रहना बहोत जरुरी है और साथ ही अपनी अपेक्षा को थोड़ा कम करे। इससे आप अपने आपको अधिक सुखी एवं खुश पाएंगे। 


कुछ ज्यादा उम्मीद नहीं है मुझे ए-जिंदगी तुझसे,

बस मेरा अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो...!!!

 

To read more motivational stories / blog click on
To connect with us on Facebook
Connect with us on Telegram

Post a Comment

0 Comments