How to change Mindset in Hindi मानसिकता कैसे बदलें



Eliminate the Mindset of CAN'T! Because you can do anything. - Tony Horton

                ज़िन्दगी मे हर कोई सफल बनना चाहता है। इस दुनिया मे शायद ही कोई होगा जो सफलता ना चाहता हो। सफल होने के लिए किस प्रकार की मानसिकता अनिवार्य है? आगे इस सवाल का जवाब जानने का प्रयास करते है। यहां तो सिर्फ इतना कहूँगी, आपकी मानसिकता ही आपका भविष्य तय करेगा। आज हम यहा How to change Mindset/ मानसिकता कैसे बदलें ये देखनेवाले है। उसके पहले हम Mindset क्या है ? ये देखेंगे। 

What is Mindset ? Or  Meaning of Mindset


            क्या होता है ये Mindset ? कहा से आता है ? ये मानसिकता वो है जो हमने अपने भीतर बना ली है और बच्चो के दिमाग मे भी डाल दी है। सब एक दूसरे से प्रतियोगिता करने मे लगे है। समाज मे आमतौर पे देखा जा रहा है की बच्चो की पाठशाला अब हमारा स्टेटस बनता जा रहा है। इस भागदौड़ी मे सबको अपना बच्चा अव्वल नंबर पे चाहिए। किसीको दूसरा क्रमांक पसंद ही नहीं। इसी निक्षित मानसिकता ने हमारी सोच को छोटा और नकारात्मक बना दिया है। लेकिन अगर आप नंबर ना देखकर सिर्फ आपके बच्चे की मेहनत देखकर खुश होते है तो आपकी विकसित मानसिकता है। और ये विकसित मानसिकता ही हमारे सोच को सकारात्मक बनाये रखती है। 

          हमने अपने अंदर एक विचारों का समूह बनाया है, जैसे की हम मन ही मन मे बात करते है और वैसी प्रतिक्रया भी देते है अर्थात आपके विचारोंने आपको वह बनाया है जो आज आप है। हमारे विचार ही हमें कल से आज बेहतर बनाने के प्रयास मे लगे रहते है। 

          अगर हमारे पास विकसित मानसिकता का समूह है तो आपको वो प्रगतिपथ पे ले जायेगा लेकिन अगर आपके पास निश्चित मानसिकता का समूह है तो आपको असफलता तथा निराशा की ओर ले जायेगा। हमारे विचार करने का तरीका एक ही स्वरुप मे कई सालो से काम करता है। आपकी सोच को एक स्वरुप मे रखने के लिए आपके अनुभव, आपके आसपास वाला माहोल और परिवार है। आप जो देखते हो, जो सुंनते हो वही आपके मस्तिष्क मे रह जाता है और उसी स्वरुप मे आपके विचार सोच मे परिवर्तित हो जाते है। 

तात्पर्य - हमारे विचार बदलनेसे हमारी मानसिकता भी बदल जाएगी।      





Difference between Growth Mindset and Fixed Mindset


                विकसित और निश्चित मानसिकता क्या होती है ? आगे हम उदाहरणसे देखते है। एक दिन आप क्लास मे जाते हो और वो दिन आपके लिए बहोत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उस दिन आपके परीक्षा के परिणाम आनेवाला होता है। आप कक्षा मे पहुंचे तब आपने देखा बाकि सब दोस्त भी आएवाले है और फिर कुछ समय पश्चात् अध्यापकभी परीक्षा का परिणाम ले के कक्षा मे आए। सबको परीक्षा का परिणाम दे रहे है फिर आपका भी नंबर आया और आपने देखा की आप C+  श्रेणीसे उत्तीर्ण हुए हो, जो आपके लिए काफी निराशाजनक था और आप निराश हो के घर लौटे। शाम को थोड़ा मूड अच्छा होने के लिए आपने आपके एक मित्र को फ़ोन लगाया और उसने आप का कॉल नहीं उठाया ? तब आप क्या सोचोगे ? मुझे मेरा दोस्त अस्वीकार [Reject] कर रहा है अर्थात टाल [avoid] रहा है। मै उसके जैसा बेहतर नहीं हु, मे तो लूज़र हु। मेरेसे सब बेहतर है अब मै उसका दोस्त बनने के लायक नहीं हु। मेरे साथ कभी कुछ अच्छा नहीं होता है। अगर आप ऐसा सोचते हो तो आप निश्चित मानसिकता के समूह मे आते हो। लेकिन आप ऐसा सोचते हो की इसबार अच्छे मार्क नहीं आये तो क्या हुआ ? अगली बार अच्छेसे मेहनत करूँगा और अच्छे नंबर लाऊंगा और दोस्त ने फ़ोन नहीं उठाया इसका मतलब वो कही व्यस्त है। दोबारा बाद मे कर लूंगा। इसी सोच को विकसित मानसिकता कहते है। अगर आपकी मानसिकता विकसित मानसिकतासे मेल खाती है तो बहोत अच्छी बात है लेकिन अगर आप निश्चित मानसिकता के लोगो की तरह सोचते हो तो आपको आपके सोच को बदलना अनिवार्य है।         

                निश्चित मानसिकता वाले लोग हमेशा चुनौती से बचने की कोशिश करते है अर्थात वो चुनौतियोंका सामना करना पसंद नहीं करते। चुनौती आने पर वो डर जाते है और विकसित मानसिकतावाले हमेशा चुनौतियोंका सामना करने मे तत्पर रहते है। यदि आप किसी की आलोचना करते हो तो निश्चित मानसिकतावाले सुनना पसंद नहीं करेंगे उलट वो आपसे नफरत करने लगेंगे। विकसित मानसिकतावाले पूरी तरहसे परिवर्तित करने की कोशिश करेंगे और अपने आप मे सुधार लाएंगे। स्थिर मानसिकता का मानना है की बुद्धि और प्रतिभा निश्चित है और विकसित सोचवाले अपने मेहनत पे भरोसा रखते है, कौशल से सीखते है और जीवन मे सफलता हासिल करते है। निश्चित मानसिकतावाले जल्दी हार मान लेते है जब की कोशिशोंसे सफलता मिल सकती है और इन्हे दुसरो की सफलतासे ईर्ष्या भी होती है। विकसित मानसिकता वाले आपकी तरह हमेशा नया सिखने मे तत्पर रहते है और रोज नया सिखने के लिए वो खुद को प्रतिबद्ध करते है। ये नया सिखने की उत्सुकता ही उनका जीवन बदल देती है।      



How to change Mindset ?  मानसिकता को कैसे बदला जा सकता है ?


               क्या मानसिकता भी बदली जा सकती है ? हां, मानसिकता बदली जा सकती है। मानसिकता को बदलने के लिए ज़्यादा समय नहीं लगता। किसी भी बदलाव के लिए खुद को आदत लगाना होता है और ये आदत हम न रुकते हुए २१ दिन लगातार करते रहे तो वो हमारी दिनचर्या मे शामिल हो जाती है। क्योंकी हमारा मस्तिष्क उसका अनुकरन करने लगता है। इसलिए हमेशा हमारे मानसिकता के बदलाव हेतु नयी आदतोका अनुकरन करे। यही हमारी सोच हमारी मानसिकता बन जाती है। जब आप अपने आपसे बात [Self Talk] करते हो वो हमेशा सकारात्मक तथा विकसित रखो क्योंकि आपके विचार ही वास्तविकता निर्माण करते है इसलिए हमेशा खुद से कहते रहो, ये तो काफी आसान है इसे मे सरलता से कर लूँगा। यही सोच आपके मानसिकता का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब बन जायेगा और आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं पायेगा। सही और गलत का फैसला करना सीखे। जो सही लगता है उसे अपनाने मे विलंब ना करे और जो गलत है उसे ना कहना सीखे। 

          एक बात हमेशा याद रखिए, नई चीज़ सिखने के लिए और गलत आदत छोड़ने के लिए किसी भी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए अपनी मानसिकता बदलने के लिए नई अच्छी आदते लगाए। वर्तमान क्षण का आनंद ले और छोटी सफलता का भी जश्न बनाए। मै निश्चित रूपसे कहना चाहूंगी की आपको विकसित करने के लिए कोई नहीं रोक पायेगा।   




हिम्मत, जूनून, कोशिशे और हौसला आज भी वही है। 


मैंने तो बस जीने का तरीका बदला है, तेवर नहीं....  


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