आज आत्मनिर्भरता /Aatmanirbharta के बारे
मै काफी सुनने
आ रहा है। काफी मेसेज, जोक्स ,मेम्स बनाये जा रहे
है। लेकिन क्या हम
सही मायने मै जानते
है, आत्मनिर्भरता क्या
है ? मै मेरे
जीवन के लिए,
मेरी भावनोओ के
लिए तथा उस
के परिणाम के
लिए खुद जिम्मेदार
हु, अगर ये
आप मानते है
तो आप बेशक
इसका अर्थ भी
समज़ते है। लेकिन हमारी
विडंबना तो देखिये, हमारे पास हर
समस्या का समाधान है, बस
समस्या किसी और
की होनी चाहिए।
आत्मनिर्भरता/Aatmanirbharta अर्थात स्वावलंबन। अर्थात खुद
पर निर्भर होना,
दुरसो पर परावलंबी
ना होना ये
सरल अर्थ हमें
आत्मविश्वास की और
बढ़ाता है। आत्म-विश्वासी व्यक्ति वीर
और संकल्पी होता
है । व्यक्ति
की महानता उसके
प्रयत्नों पर निर्भर
करती है न
कि सफलता एवं
असफलता पर ।
ऐसे व्यक्ति विश्व
को मानसिक दृढ़ता,
सहनशीलता व आत्म-निर्भरता की शिक्षा
देते हैं ।
साहसिक प्रवृत्ति से संघर्ष
तथा उन पर
विजय प्राप्त करने
की प्रेरणा मिलती
है ।वह चाहे
सफल रहे या असफल, वो हमेशा आदर और
प्रशंसा के हक़दार
होते है।सफलता के
लिए आत्म-विश्वास
आवश्यक है, और
आत्मविश्वास लिए तैयारी। क्या हम
नहीं जानते की
आत्मसम्मान आत्मनिर्भरता के साथ
आता है ?
Importance of Self reliance/Aatmanirbharta
अगर देश
का हर आदमी
आत्मनिर्भर बन गया,
तो समझो पूरा
देश आत्मनिर्भर बन
गया। नागरिकोसे ही देश
बनता है, हम
इस देश के
नागरिक है। मै आपको
कहानी बताती हु,
जो सत्य घटना
पर आधारित है ।एक बालक
गरीब घर से
पर पढ़ने मै
बहोत तेज था। हमेशा अव्वल क्रमांक
से पास होता
था। उसके साथ
पढ़ने वाले उससे
जलने लगे थें
तो उन बच्चोने
अध्यापक [प्रिंसिपल] के पास
जा के गलत
शिकायत करदी, वो लड़का
हमारे बैग मै
से पैसे चुराता
है और हमें
सिर्फ शक ही
नहीं तो पूरा
यकीन है। तो
अध्यापकने कहा, मै
पूरी जांच करता
हु अगर वो
दोषी पाया गया
तो सजा भी
दूंगा। अध्यापकने उसी पलसे
उसपे नज़र रखना
शुरू कर दिया। उन्हें पता चला
वो बच्चा स्कूल की
छूटी के बाद
माली के पास
जाकर काम करता
है उस पैसे
से अपने स्कूल
की फीस, किताबे, और बचे
हुए पैसे से
खाना लेता था
यही उसकी दिनचर्या
थी।याने के वो
पूर्ण रूप से
आत्मनिर्भर था।कुछ दिन
पश्चात अध्यापक ने उस
बच्चे को कहा
तुम पढाई मै
अव्वल हो, बाहर
भी मेहनत करते
हो, तुम अपनी
स्कूल की फीस
माफ़ क्यों नहीं
करवा लेते? बच्चे
ने कहा, मै
जानता हु की
यहां सब अपने
पापा के पैसे
से शिक्षा प्राप्त
करते है लेकिन मै खुद
को इतना आत्मनिर्भर
समज़ता हु, मै
स्कूल की फीस
भर सकता हु, तो मै अपनी
फीस माफ़ क्यों
करवाऊ? और ये
मैंने आपसे तो
सीखा है, व्यक्ति
कर्मोसे और सकारात्मक
दृषिकोन से महान
बनता है। अध्यापक
को बहोत गर्व
महसूस हुआ। बाकि
छात्र शर्मसे मुँह
निचे करके खड़े
थे। उस आत्मनिर्भर बच्चे का नाम
था बंकिमचंद्र चटोपध्याय। जिन्होंने वन्दे मातरम
गीत की रचना
की थी।
यु तो आत्मनिर्भरता /Aatmanirbharta हर तरह से जरुरी है.... पर वैचारिक सबलता और भावनात्मक आत्मनिर्भरता आपको वास्तव मै आत्मनिर्भर बनाती है।
मिली है अगर ज़िन्दगी
तो ,
मिसाल बना कर दिखा
दो
वरना इतिहास के पन्ने आजकल,
रिश्वत देकर भी छपते
है...
20 Comments
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ReplyDeleteबहोत सुन्दर आत्मनिर्भरता....
ReplyDeleteमिलि है जिंदगी...
बहोत खूब। ������
Knowing that i should be responsible
ReplyDeleteis the battle half won..
Proving that i can live up-to that
is where lies all the fun..
Aatmabal se he aatmanirbharta ka hua aagaaj hain
ReplyDeleteAatmanirbharta hee Balshali Bhartiyta ka saaj hain
Very nice and truly motivational. Keep it up.
ReplyDeleteReally true.....
ReplyDeleteVery well written dear.. Presemtrd in different perspective .. Keep. It up...
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNice motivationl thingk.����
ReplyDeleteबहुत बढिया super
ReplyDeleteZindagi to apne dam pe hi jee jati hain ... Auro ke kandho pe toh janaja nikalta hain ....
ReplyDeleteसुपर
ReplyDeleteWonderfully written good use of lockdown period we need some inspiration like this. Try to make it big buddy
ReplyDeleteMotivational One. Nicely articulated.
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ReplyDeleteबहोत सुन्दर आत्मनिर्भरता....
मिलि है जिंदगी...
बहोत खूब। �����
Sir im from Malaysia i always follow your blog one more plz Thank youso much..! 💋
ReplyDeleteWell written
ReplyDeletenice
ReplyDeleteOne of my always go to blogs when i need inspiration. Keep it up.
ReplyDeleteExcellent......
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