DMart Founder - Radhakishan Damani जानिए दमानी के करोड़ों कमाने के तीन गुरु मंत्र

 
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DMart Founder - Radhakishan Damani


      शेयर बाजार के मशहूर भारतीय निवेशक एवं डीमार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं। आज हम यहाँ उनकी सफलता की कहानी देखेंगे। 

          एक साधारण मारवाड़ी परिवार में जन्‍में राधाकिशन दमानी के पिता शेयर बाजार में काम करते थे, शुरुआत में उनका परिवार मुंबई में एक कमरे के अपार्टमेंट में हुआ में रहता था। दमानी मुंबई यूनिवर्सिटी ( Mumbai University ) कॉमर्स की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया, लेकिन एक साल के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्‍होंने बॉल बेयरिंग का काम शुरू किया, पिता की मृत्यु के बाद दमानी ने बॉल बेयरिंग कारोबार छोड़ स्टॉक मार्केट ब्रोकर और निवेशक बन गए। 1992 में हर्षद मेहता घोटाला सुर्खियों में आने के बाद उनके इस कारोबार में तेजी आई। 

हर्षद मेहता घोटाले के बाद हुआ भारी प्रॉफिट -

         इस दौरान उन्होंने 1992 में हुए हर्षद मेहता घोटाले का दौर भी देखा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस समय दमानी ने एक बात कही थी ‘अगर हर्षद मेहता सात दिन और अपनी लॉन्ग पोजीशन होल्ड कर लेता, तो मुझे कटोरा लेकर सड़क पर उतरना पड़ता।’

          ऐसा उन्होंने इसलिए बोला था क्योंकि हर्षद मेहता ने शेयर बाजार में तेजी पर दांव लगाया था, जबकि दमानी ने बाजार के गिरने पर दांव लगाया था। हालांकि, घोटाले की बात सामने आते ही बाजार धड़ाम से गिरा, जिससे दमानी को जबरदस्त प्रॉफिट हुआ।

          दमानी के लिए बतौर निवेशक 1995 का साल अच्छा रहा। जहां निवेशक सरकारी बैंकों में पैसा लगा रहे थे, वहीं दमानी ने ‘सस्ते वैल्युएशन में मिलने वाली कंपनी में लंबे वक्त तक रुकने’ का फॉर्मूला अपनाते हुए HDFC बैंक के IPO में पैसा लगाया। इससे उन्होंने जमकर पैसा बनाया।

रिटेल इंडस्ट्रीज में प्रवेश -

           साल 2001 में शेयर मार्केट से अलग हटकर रिटेल इंडस्ट्रीज में प्रवेश किया। डीमार्ट सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट चेन लॉन्च की। डीमार्ट वन-स्टॉप सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट चेन है, जो पहली बार मुंबई के पवई में शुरू हुआ था। आज ये देश की बड़ी कंपनियों में से एक है। देशभर में डीमार्ट के 300 से ज्यादा स्टोर हैं। दमानी जी की खास बात यह है कि कंपनी जहां भी अपने D-mart स्टोर्स खोलती है, वह स्टोर डीमार्ट का ही होता है, यानी स्टोर्स को किराए पर नहीं लेती।

डीमार्ट में मार्जिन के बजाय ज्यादा वॉल्यूम पर फोकस -

          अब अगर डीमार्ट की सफलता के फॉर्मूला को समझें तो कंपनी ने रिटेल कारोबार मे ना ही सिर्फ अपनी पहचान बनाई है, बल्कि सफलता का बहोत बड़ा मुकाम हासिल किया है। इसके पीछे कंपनी का सीधा सा फंडा है, मार्जिन के बजाय वॉल्यूम पर फोकस देना। 

        सफलता का परिचय इस कदर दिया है की, कंपनी अपने सप्लायर को 7-10 दिन में पेमेंट कर देती है। जबकि, इसी सेगमेंट की अन्य कंपनियां सप्लायर को 20-30 दिन में पेमेंट करती हैं। 

      डीमार्ट की खास बात ये है कि इसके स्टोर्स पर सालभर ऑफर रहता है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी तगड़ा मुनाफा कमाती है। 

राधाकिशन दमानी के बारे मे कुछ दिलचस्प बातें -

          मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राधाकिशन दमानी अब सक्रियता से वीगन डाइट फॉलो करते हैं। साथ ही हर कुंभ में गंगा नहाने जाते हैं। इनकी सादगी का आलम यह है कि लंच के बाद चर्चगेट, मुंबई के इंडस्ट्री के पास छोटी सी दुकान से पान खाने जाते हैं।

          बेहद सुलझे व्यक्तित्व वाले दमानी को सफेद कपड़े इसलिए पसंद हैं क्योंकि उन्हें दिन की शुरुआत में कपड़ों को लेकर उलझन न हो। वो सफ़ेद कपड़े हमेशा पहनते है इसलिए इन्हे मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट कहा जाता है, कारोबार में इनकी यही सादगी दमानी जी को सबसे आगे रखती हैं। 

          साल 2000 से पहले दमानी ने शेयर मार्केट ट्रेडिंग से दूरी बनाते हुए रिटेल कारोबार में कदम रखा। इसलिए आज उन्हें रिटेल किंग भी कहा जाता है। 

बिग बुल मानते थे गुरु -

          राधाकिशन दमानी को दिवंगत निवेशक और बिग बुल के नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला अपना गुरु मानते थे। उनका कहना था कि शेयर मार्केट के दांव-पेच उन्‍होंने दमानी से ही सीखे। राधाकिशन दमानी अपनी निवेश फर्म, ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन भी करते हैं। राधाकिशन दमानी ने शेयर बाजार में अपनी करियर के शुरुआत में वैल्यू इन्वेस्टिंग के जरिए करोड़ों रुपये कमाए। 80 और 90 के दशक में उनका नाम एक निवेशक के तौर पर सुर्खियों में आ गया था। 

1000 करोड़ के बंगले के मालिक -

          साल 2021 में राधाकिशन दमानी ने अपने भाई के साथ मिलकर दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल्स के नारायण दाभोलकर मार्ग पर मौजूद ‘मधुकुंज’ नाम का एक बंगला 1001 करोड़ रुपये में खरीदा था। ये बंगला 1.5 एकड़ से अधिक एरिया में फैला है और इसका कुल बिल्ट अप एरिया करीब 61,916 वर्ग फीट है. इसे मुंबई का सबसे महंगा घर माना जाता है। 

जानिए दमानी के करोड़ों कमाने के तीन गुरु मंत्र -

१. लंबी अवधि के निवेश पर नजर रखना

२. क्रेडिट से हमेशा बचें

३. सस्ता खरीदों, कम कीमत पर बेचो

          यही तीन मंत्र से उन्होंने अपना बिज़नेस का परचम इस कदर आगे बढ़ाया है की डीमार्ट अब कर्जमुक्त कंपनी बन चुकी है। इसके पीछे राधाकिशन दमानी की रणनीति का अहम रोल रहा है। कंपनी ने साल 2015 से 2019 के बीच लोन को खत्म करने का प्लान बनाया और साल 2021 में कामयाबी मिल गई। कंपनी पर कर्ज वित्तीय वर्ष 2021 में घटकर शून्य हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में डीमार्ट की सेल 30,976 हजार करोड़ रुपये की रही। उन्होंने अपना यह नजरिया बरकरार रखा और उन्होंने बिना किसी शार्टकट का इस्तेमाल किए ये मुकाम हासिल किया। 

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         आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको  DMart Founder - Radhakishan Damani से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य नए आर्टिकल्स पढ़ने के लिए  https://www.shrutimundada.com/  {Yutis Desk} के साथ बने रहें।  

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