पिता - अनुशासन का दूसरा नाम
कहते है दुनिया मे माँ और बच्चे का रिश्ता सबसे बड़ा और अनोखा होता है। जितनी माँ की बच्चे के जीवन मे अहम् भूमिका होती है उतनी ही एक पिता की भी होती है। माँ बच्चे को जन्म देती है तो पिता उसे अच्छा उज्जवल भविष्य देता है। पिता त्याग और समर्पण का उदाहरण है। पिता अनुशासन का दूसरा नाम है। माँ अपने बच्चे पे ममता न्यौछावर करती है और पिता को सही दिशा देने के लिए कठोर होना पड़ता है।
माँ नौ महीने बच्चे को पेट मे रखकर जन्म देती है और तभी से एक पिता होने की चाहत उसे ज्यादा काम करने के लिए दस्तक देती है। तबसे ही जो उन्हें नसीब नहीं हुआ वो सब मै अपने बच्चे को दूंगा, ये बात दिल और दिमाग मे डालके अपना पिता का सफर शुरू कर देता है।
बिना दिखाए जीवन भर की खुशियां जो अपने बच्चो को देता है, उसी पिता के लिए देशभरों मे फादर्स डे मनाया जाता है। चलो, जानते है फादर्स डे मनाने की शुरुवात कब और कैसे हुई ?
कब मनाते है फादर्स डे ?
दुनिया भर मे पिता को सम्मान देने के लिए फादर्स डे मनाया जाता है। जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है।
कब और कहां मनाया गया पहला फादर्स डे?
फादर्स डे मनाने की शुरुआत 19 जून 1910 से हुई थी। वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में पहली बार फादर्स डे मनाया गया था। पिता को सम्मान देने के लिए इस दिन की शुरुआत एक बेटी ने की। वाशिंगटन में रहने वाली इस बेटी के लिए उनके पिता मां से भी बढ़कर थे।
कैसे हुई फादर्स डे मनाने की शुरुवात ?
सोनारा की माता का देहांत अपने छठे बच्चे को जन्म देने के बाद हुआ। तबसे सोनोरा के पापा ने ही पुरे 6 बच्चों का पालनपोषण किया, इतना ही नहीं वो सब किया जो एक माँ अपने बच्चों के लिए करती है। उन बच्चों को कभी अपने माँ की कमी महसूस नहीं होने दी।
इसलिए सोलह साल की सोनारा ने सोचा, माँ के लिए मदर्स डे हो सकता है तो पिता के लिए भी फादर्स डे होना चाहिए।
सोनोरा के पिता का जन्मदिन जून में होता था। इसलिए उन्होंने जून में फादर्स डे मनाने की याचिका दायर की। फादर्स डे मनाने के लिए अपनी याचिका को सफल कराने के लिए उन्होंने यूएस तक में कैंप लगाए।
आख़िरकार वो दिन आ ही गया जिसका सोनारा को इंतज़ार था। फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाने का निश्चित किया गया। पहली बार 19 जून 1910 को फादर्स डे मनाया गया। इस बार {2022} इक़्तफाक से फादर्स डे 19 जून को ही मनाया जायेगा।
बाद में साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। साल 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया। बाद में 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का ऐलान किया। 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस दिन अवकाश की घोषणा की।
अब आप कहेंगे, जिसे बाप के वजह से हमें दिन देखने मिले,
उस पिता का हम क्या दिन मनाएंगे ?
मै यहा आपको एक सवाल पूछना चाहती हु, क्या आपने आपके पापा को कभी थैंक यू बोला है ? Love You बोला है ?
मै जानती हु, हम मम्मी के सामने काफी सहजता से अपना प्यार, गुस्सा सारी भावनाएं आसानीसे बयां कर सकते है लेकिन पापा के सामने थोड़े कतरा जाते है। क्योंकि हम ठोकर खाने बाद "आई" बोलते है, मम्मी को याद करते है लेकिन किसी बड़ी संकट के समय हमें अपने पिता याद आते है। जैसे की आप रस्ता क्रॉस कर रहे हो सामने से अचानक ट्रक आ गया हो तो "अरे बाप रे" बोलते हुए हम अपना रास्ता पार करेंगे।
जब हम बड़ी मुश्किल मे पापा को याद करते है तो अपने पिता को छोटा सा Thank You बोलने से क्यों कतराते है ? अगर आपने आज तक आपके पिता को धन्यवाद नहीं बोला तो आज के दिन बोल ही दीजिये क्योंकि कल हो ना हो। हमारी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी मे हम समय नहीं निकाल पाते इसलिए तो ये स्पेशल दिन बनाये गए है। जहां हम अपने मन की भावना को बयां कर सके, उनका अस्तित्व हमारे जीवन मे कितना मायने रखता है ये बता सके। इसलिए ज्यादा देर ना करते हुए अपने पिता को जादू की झप्पी देकर आपके जीवन मे उनकी अहमियत बता ही दीजिये।
हमें फादर्स डे क्यों मनाना चाहिए ?
> जिस इंसान ने आपको सही गलत की पहचान करनी सिखाई, आसमान को छूना सिखाया उनके लिए एक स्पेशल दिन तो बनता है।
> आप आज जो सफल इंसान बने हो वो आपके पिता के परवरिश की वजहसे। आपको उन्होंने वो सब कुछ दिया जो शायद उनको कभी मिला ही नहीं। आज के दिन आपके पिता को एहसास दिलाये की वो आपके जीवन मे अहमियत रखते है। इससे अच्छा तोहफा एक पिता के लिए कुछ हो ही नहीं सकता।
> फादर्स डे मनाना याने सिर्फ सेलिब्रेट करना नहीं है बल्कि ये बताना है की उनकी कुर्बानियां आपके लिए अतुलनीय है। आप उनसे बेहद प्यार करते है।
> संस्कारो के साथ साथ जो जीने की कला हमें सिखाई है, आज के दिन उन्हें बेस्ट पापा होने का एहसास दिलाये। इस मौके को ना गवाए।
> पिता दिन रात अपने बच्चों के लिए मेहनत करते है, वो हर ख़ुशी देना चाहते है जो कभी उन्हें नहीं मिली। आज के दिन उनके साथ डिनर पे जाये, पुरानी यादें ताजा करे। उनके साथ Quality टाइम बिताये।
पिता के बिना जीवन अधूरा है इसलिए जीवन मे माँ बाप का साया जिसके सर पर हो, उसका कभी कुछ बुरा नहीं हो सकता। कहते है ना,
"जिस घर में माँ बाप हंसते है,
उसी घर में भगवान बसते हैं"
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