विलियम शेक्सपियर के 5 अनोखे विचार

 


         विलियम शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल 1564 को इंग्लैंड के स्ट्रेटफोर्ड-अपॉन-एवन शहर में हुआ था। विलियम शेक्सपियर एक सुप्रसिद्ध लेखक, नाटककार, कहानीकार और अभिनेता भी थे। जिन्होंने अपने उपनाम “बार्ड ऑफ़ एवन” के साथ, अपने पूरे जीवन काल में लगभग 38 नाटकों, 154 सनेट्स, 2 लंबी कविता और कुछ अन्य छंदों की रचनाएँ की। लगभग 1700 अंग्रेजी शब्दों को उत्पन्न करने और साहित्य के क्षेत्र में इतना बड़ा योगदान देने वाले विलियम शेक्सपियर का निधन 23 अप्रैल 1616 को हुआ। 

          ‘‘सितारों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे हमारी किस्मत का फैसला करें, बल्कि हमारी किस्मत हमारे हाथों में है।’’ यह बात विश्व के प्रसिद्ध लेखक और नाटककार विलियम शेक्सपियर ने वर्षों पहले कही थी। आज भी जीवन के कई मोड़ पर इस तरह के विचार हमारे लिए दवा की तरह काम करते हैं। इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि एक बेहतर इंसान, अपने सुविचारों और कर्मों से ही बना जा सकता है। हमारी सोच ही है, जो हमें सफल या असफल बनाने की योग्यता रखता है। लेकिन जीवन में ऐसे कई मौके आते हैं, जब हम अपनी ही परेशानियों में ऐसे उलझ जाते हैं कि बाहर निकलने का रास्ता नजर नहीं आता है। ऐसी स्थिति में प्रेरणादायक विचार और अच्छे शब्द ही होते हैं, जो हमें सही राह दिखा सकते हैं।

          विश्व के कई महान व्यक्तियों और लेखकों ने ऐसे विचार दिए हैं, जो हमें जीवन में सही दिशा दिखाते हैं। इनमें से ही एक हैं, विलियम शेक्सपियर। शेक्सपियर की रचनाओं का जादू आज भी दुनिया पर छाया हुआ है। एक तरफ जहां उनके नाटकों में हमें जीवन का हर रंग देखने को मिलता है, वहीं उनकी रचनाएं और विचार एक सफल जीवन जीने का मार्ग भी दिखलाती हैं। उनकी कही हुई बातें हमें गंभीर जीवन का दर्शन कराती हैं। शेक्सपियर के गाने, नाटक और उद्धरण हमारे लिए वास्तव में किसी दोस्त की सलाह की तरह काम करते हैं। ऐसी सलाह जो हमें जीवन में सही मार्ग दिखाते हैं और रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। 

1. बुद्धिमानी सेे और सोच-विचार कर आगे बढ़ो। जो जल्दबाजी करते हैं, वे गिर जाते हैं।

        यह संवाद 'रोमियो और जूलियट' नाटक का है। हकीकत यह है कि इस वाक्य को हमारी जिंदगी का सिद्धांत होना चाहिए। अगर आपको लगता है कि जीवन के किसी क्षेत्र में पीछे चल रहे हैं, तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। बचपन में खरगोश और कछुए की कहानी तो आपने पढ़ी होगी, तो बस याद रखें की रेस जीतने के लिए हमेशा तेज गति काम नहीं आती।  मगर इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप बैठकर किसी जादू का इंतजार करें, बल्कि इसका अर्थ यह है कि जीवन के छोटे-बड़े निर्णय आराम से सोच-समझकर लें, न कि आगे बढ़ने की जल्दबाजी में कुछ भी फैसला ले लें।  

2. महंगे उपहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिन्हें उपहार दे रहे हैं उनका सम्मान हो।

          'हेमलेट' नाटक में इस विचार का उल्लेख किया गया है। यहां शेक्सपियर हमें दोस्ती और विश्वास से संबंधित सीख देते हैं। दोस्ती में विश्वास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसकी कीमत पैसों से नहीं लगाई जा सकती है। ऐसा नहीं है कि यदि कोई आपको पैसे दे रहा हो या किसी और तरह से आप पर खर्च कर रहा है, तो वह आपका दोस्त ही हो। हो सकता है उसका इरादा कुछ और हो। हो सकता है कि आपके दोस्त ने आपके जन्मदिन पर कोई महंगा तोफा दिया हो, लेकिन ज्यादा जरूरी यह है कि आपके प्रति उनका रवैया कैसा है? शेक्सपियर हमें यहां निश्चित रूप से याद दिला रहे हैं कि पैसों से आपको चकाचौंध मिल सकती है, लेकिन पैसे से आप दोस्त नहीं खरीद सकते हैं। 

3. एक मासूम फूल की तरह दिखो, लेकिन अंदर से सर्प की तरह रहो।

          इस बात का उल्लेख ‘मैकबेथ’ नाटक में है। यहां शेक्सपियर सीख देते हैं कि हमारे चेहरे से हमारे भीतर चल रही हलचल नहीं झलकनी चाहिए। आप जो चाहते हैं, वह निश्चत करें और इस बारे में सावधान रहें कि हम इसे कैसे प्राप्त करते हैं। कभी-कभी स्वार्थी होने में कोई हर्ज नहीं है। दरअसल, थोड़ा स्वार्थी होना, हमे लंबे समय तक समझदारी से निर्णय लेने में मदद कर सकता है। 

4. बीती बात को बार-बार याद कर शोक मनाना, नई मुसीबत बुलाने जैसा है।

           जो हमारी किस्मत में नहीं है, उसके लिए शिकायत करना बेकार है। शेक्सपियर के नाटक ‘ओथेलो’ में यह संवाद है। यहां यह सीख दी जा रही है कि कुछ चीजों को छोड़ना ही जीवन में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। यदि आप बीती बातों पर शोक मनाते रहेंगे, तो आप उससे आगे कभी नहीं बढ़ पाएंगे। आप भाग्य नहीं बदल सकते हैं, तो आप इसके बारे में शिकायत करके इसे ओर भी बत्तर बनाते हैं। बजाय इसके, अगर आप चीजों का मुस्कुरा कर सामना करते हैं, तो परेशानी जल्द दूर होती है।

5. कुछ नहीं से कुछ भी नहीं आएगा। यानी सफल होने के लिए उस दिशा में काम करना जरूरी है। 

          इस बात का जिक्र 'किंग लियर' नामक नाटक के एक सीन में किया गया है। यहां बताया जा रहा है कि यदि आप कुछ पाने के लिए कोशिश या कड़ी मेहनत नहीं करते हैं, तो आपको न सफलता मिलती है और न ही असफलता। हमारा उद्देश्य कार्य करना और उसे मेहनत के साथ पूरा करना है। पूर्ण जीवन जीने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। 

          जब हम उदास हैं या परेशान हैं, तो हमें इन विचारों को बड़े अक्षरों में लिखकर घर में किसी ऐसी जगह पर लगाना चाहिए, जहां हमारी नजर बार-बार जाती है। हम बार-बार उसे पढ़ते हैं और फिर धीरे-धीरे वह हमारे सब-कॉन्शस यानी अवचेतन मन में बैठने लगता है और हम उसी तरफ काम करना शुरू करते हैं। अवचेतन मन पर ऐसे विचारों का ज्यादा असर पड़ता है। 

          यही अनोखे विचार हमारे जीवन मे भी कही बार लागु होते है। 

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