21 February - International Mother language Day : जानिए अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास और महत्व





          21 February - International Mother language Day


          आज २१ फरवरी को दुनियाभर मे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है। दुनियाभर में भाषा एक ऐसा साधन है, जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है और उनकी संस्कृति को प्रदर्शित करता है। एक देश में कई मातृभाषा हो सकती हैं। 

          भारत में ही लगभग 122 ऐसी भाषाएं हैं, जिनको बोलने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा है। वहीं 29 भाषाएं ऐसी हैं, जिन्हें 10 लाख लोग बोलते हैं। भाषाओं में हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, पंजाबी, अरबी, जापानी, रूसी, पुर्तगाली, मंदारिन और स्पैनिश बोली जाती हैं। विश्व में भाषाई व सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए और कई मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से प्रति साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। 

        आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास और महत्व।

मातृभाषा दिवस का इतिहास -

          जब 1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना तो भौगोलिक रूप से दो हिस्सों में बांटा गया। पहला -पूर्व पाकिस्तान और दूसरा पश्चिम पाकिस्तान। 

          पाकिस्तान ने उर्दू में देश की मातृभाषा घोषित किया। लेकिन पूर्व पाकिस्तान में बांग्ला भाषा अधिक होने के कारण उन्होंने बांग्ला को अपनी मातृभाषा बनाने के लिए संघर्ष शुरू किया। बाद में पूर्व पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया। 

         21 फरवरी को उनका संघर्ष पूरा हुआ और बांग्लादेश की वर्षगांठ भी इसी दिन से मनाई जाने लगी।

          वर्ष 1999 में यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। पहली बार इस दिन को मनाने की शुरुआत बांग्लादेश ने की थी। बाद में वर्ष 2000 से विश्वभर में यह दिन मनाया जाने लगा।

          इस साल की थीम "भाषाए मायने रखती है, इस साल सिल्वर जुबली / अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का रजत जयंती समारोह", होने जा रहा है। 

मातृभाषा दिवस का उद्देश्य -

          यह दिन भाषाओं के प्रति लगाव, संरक्षण और बचाव बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

          भारत विविध संस्कृति और विभिन्न भाषाओं का देश है। 1961 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल भारत में 1365 मातृभाषाएं हैं, जिनका क्षेत्रीय आधार अलग-अलग है। 

          हिंदी दूसरी सबसे लोकप्रिय मातृभाषा है। देश में 43 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं, इसमें 12 फीसद द्विभाषी है। भाषा एक ऐसा साधन है जो मनुष्य को आगे रखती है और एक दूसरे से जोड़े रखती है।  

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