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World Chess Champion D Gukesh
18 की उम्र में जब बच्चे कॉलेज पास कर रहे होते हैं, जब ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होता कि आगे करना क्या है? उनका पैशन क्या है? उस छोटी उम्र में भारत के डी गुकेश ने इतिहास रच दिया है। वो शतरंज की दुनिया यंगेस्ट चैंपियन बन गए हैं। गुकेश पहले शख्स हैं जिसने इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीत ली और चेस ग्रैंडमास्टर बन गए।
विश्वनाथन आनंद के बाद भारत को ये खिताब दिलाकर शतरंग के खिलाड़ी ने ऐसा कारनामा किया है कि हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। लेकिन... डी गुकेश हैं कौन? हर भारतीय को इस बारे में भी जरूर जानना चाहिए।
डी गुकेश ने 18th वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल्स में चीन के शतरंज खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर किंग्स गैंबिट का खिताब अपने नाम किया। वो दुनिया के पहले टीनएजर हैं जिनके सिर ये ताज सजा है। इस जीत से पहले गुकेश वर्ल्ड चेस रैंकिंग में 5वें नंबर पर थे। गुकेश से पहले सबसे कम उम्र के चेस वर्ल्ड चैंपियन गैरी कास्परॉव थे, जिन्होंने 22 की उम्र में चैंपियनशिप जीती थी।
गुकेश डी का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था। उनके पिता डॉ रजनीकांत ENT स्पेशलिस्ट हैं। मां का नाम डॉ पद्मा है, जो एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। गुकेश अपने माता-पिता को अपनी सफलता का स्तंभ मानते हैं। क्योंकि गुकेश को काम कम उम्र से ही चेस कंपटीशन्स के लिए जगह-जगह ट्रैवल करना पड़ता था। उनके साथ आने-जाने के लिए पिता रजनीकांत ने नौकरी तक छोड़ दी थी।
विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय -
गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था।
खिताबी जीत के बाद कहा-पूरा हुआ सपना
विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने के बाद डी गुकेश ने कहा, मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हुआ। मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी, लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत को बताया ऐतिहासिक -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डी गुकेश के विश्व चैंपियन बनने की बधाई दी। उनकी खिताबी जीत को ऐतिहासिक और अनुकरणीय करार देते हुए पीएम मोदी ने कहा, डी गुकेश को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनके उज्जवल भविष्य के लिए लिए मेरी शुभकामनाएं।
गुकेश के करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियां -
गुकेश ने बहुत ही कम उम्र में यह साबित कर दिया था कि वह भविष्य के चेस के बड़े खिलाड़ी बनेंगे। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर गुकेश ने यह साबित भी कर दिया। चलिए गुकेश के करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियों के बारे में जानतें हैं।
2024: वर्ल्ड चेस चैंपियन (सबसे युवा)
2024: पेरिस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता (सबसे युवा)
2024: चेस ओलंपियाड में भारत को विजेता बनाया
2023 फिडे सर्किट: दूसरा स्थान हासिल किया, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया
2022 चेस ओलंपियाड: व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक, भारत ने कांस्य पदक जीता
2022: ऐमचेस रैपिड: मैगनस कार्लसेन के विश्व चैंपियन बनने के बाद उन्हें हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
2021: जूलियस बेयर चैलेंजर्स चेस टूर: विजेता बने
2019: 12 साल 7 महीने और 17 दिन में ग्रैंडमास्टर बने
2018: वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप: विनर (अंडर-12 कैटेगिरी)
2015: अंडर-9 एशियाई स्कूल चैंपियनशिप (कैंडिडेट मास्टर का खिताब)
THANK YOU!
1 Comments
Nice informative
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