7 Things To Learn From Lord Ganesh गणपती बाप्पा मोरया

 



          सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति की पूजा अर्चना की जाती है। श्री विनायक गजानन तीनो देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समतुल्य है।


7 Things To Learn From Lord Ganesh


          गणेश चतुर्थी की धूम शुरू हो चुकी है। लोग गणपति की प्रतिमा को अपने-अपने घरों में विराजमान करने की तैयारियों में जुटे हैं। सबसे पहले पूजे जाने वाले इस देवता की प्रतिमा दिखती भी सबसे अलग हैं। उनकी प्रतिमा की हर एक चीज हमें कुछ न कुछ सिखाती है। चाहे वह गणपति के कान हों या उनकी सूंड, उनकी आंखें हों या उनके दांत। गणपति के बड़े पेट से लेकर उनकी सवारी चूहा भी हमें जिंदगी की बड़ी सीख देते हैं। आइये जानते है गणपति के अंग -अंग से क्या सिखने मिलता है। 

कान - 

          भगवान गणेश के लम्बे कान है, अतः इन्हे गजकर्ण , सूपकर्ण भी कहते है। अंगविज्ञान के विशेषज्ञ बताते है की लम्बे कान वाला व्यक्ति भाग्यशाली और दीर्घायु होते है। गणेशजी के लंबे कानों का एक रहस्य यह भी है कि वह सबकी सुनते हैं। बाद में अपनी बुद्धि और विवेक से निर्णय लेते हैं। कहने का अर्थ है की सुनो सबकी करो अपने विवेक के अनुसार। मतलब बेकार की बात अलग करके अपने मतलब की अच्छी बातो की सीख लेनी चाहिये।

बड़ा मस्तिष्क- 

          बड़े सर वालो को अंग विज्ञानं के अनुसार कुशाग्र बुद्धि वाला और योग्य नेतृत्व करने वाला माना गया है, साथ ही गणपति का बड़ा मस्तक हमे अपनी सोच को बड़ा बनाये रखने का सन्देश भी देता है।

मोटा पेट - 

          गणपति एक नाम लंबोधर उनके बड़े पेट के कारण भी है। गणेश जी का बड़ा पेट हमे यह सीख देता है की जीवन में हमे हर अच्छी बुरी बात भोजन की तरह पचा लेनी चाहिए। जिससे घर में सुख शांति बनी रहे। मोटा पेट खुशहाली का भी प्रतीक है।

सूँड- 

          भगवान गणेश जी हमें सक्रियता की सीख देती है। जैसे सूंड हमेशा हिलती रहती है। ठीक ऐसी ही सक्रियता जीवन में रहने से दुःख और गरीबी नहीं रहती।

छोटी आँखे - 

          गणेश जी की छोटी आंखों के बारे में अंग विज्ञान के अनुसार यह गंभीर और चिंतनशील व्यक्तित्व की निशानी है। छोटी आँखे हमे हर चीज को सूक्ष्मता से परखकर ही निर्णय लेना चाहिए। इससे जीवन में धोखा खाने की सम्भावना काम होती है।

एकदंत - 

          गणेश जी का एकदंत की कहानी है एक युद्ध में उनका एक दांत टूट गया और उन्होंने अपने टूटे हुए दन्त को लेखनी बना कर उसका सदुपयोग किया। यह बुद्धिमता का प्रतीक है। इससे यह संदेश मिलता है की हमे चीजों का सदुपयोग कैसे करना चाहिए।

छोटा मुँह - 

          गणेश जी का छोटा मुँह हमे कम बोलने की सीख देता है। जितना हम कम से कम बोलेंगे उतने कम उपद्रव होंगे। हमारे अधिकतर उपद्रव का कारण अधिक और बेकार के बोलने की वजह से होते है। जितना खामोश रहेंगे उतना सुरक्षित रहेंगे।

          ज्यादातर मंदिरों और मूर्तियों में गणपति के बैठने का तरीका एक समान है। इसमें उनका एक पैर जमीन पर और दूसरा थोड़ा ऊपर रहता है। इस अवस्था से हमें जिंदगी की सबसे बड़ी सीख मिलती है। यह सिखाता है कि आप अपना लक्ष्य ऊंचा रखें, लेकिन धरतीसे, अपने लोगों से हमेशा जुड़े रहें।

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