नारीशक्ति की मिसाल - निर्मला सीतारमण


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नारीशक्ति की मिसाल - निर्मला सीतारमन


          निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता रेल्वे में काम करते थे, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी और किताबों की बड़ी प्रेमी थीं। उनके पास अपने पिता की अनुशासनात्मक की प्रकृति है और माँ का किताबों के प्रति प्रेम है। उन्होंने अपना बचपन तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में बिताया, क्योंकि उसके पिता की नौकरी हस्तांतरणीय थी। इस प्रकार, यात्रा करना और खुद को उस वातावरण के लिए अनुकूलित करने का गुण सीतारमण में बचपन से ही था।

          निर्मला सीतारामन ने अपना प्रारंभिक जीवन तमिलनाडु में अपने शहर तिरुचिरापल्ली में बिताया। सीतारमन ने त्रिची के सीतालक्ष्मी रामास्वामी महाविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। स्नातकोत्तर के बाद उन्होंने अर्थशास्त्र से एम. फिल की पढ़ाई पूरी की और सीतारमन का एम. फिल में पसंदीदा विषय इंडो-यूरोपीयन व्यापार था। सीतारमण ने जेएनयू में पीएचडी के लिए खुद को नामांकित भी किया था, लेकिन भारत-यूरोप वस्त्र व्यापार पर अपना शोध प्रबंध पूरा नहीं किया क्योंकि वह अपने पति के साथ लंदन चली गईं।

        साल 2014 के चुनाव में निर्मला सीतारमण का काफी योगदान रहा है। वह 2016 में मिनिस्टर ऑफ स्टेट के पद को संभाला। इसके बाद वह एनडीए सरकार के समय वह रक्षा मंत्री बन गई। इसके बाद 2019 में उनको वित्त मंत्री के पद मिला। आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण भारत की दूसरी रक्षा मंत्री है। देश की पहली महिला रक्षा मंत्री इंदिरा गांधी हैं।

           रक्षामंत्री की जिम्मेदारी देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय महिलाओं को एक बड़ा सन्देश दिया है कि वे इस पुरूष प्रधान समाज में भी बेहतर काम कर सकती है। सीतारमन ने अपने अच्छे कार्य की वजह से मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सहयोगियों को पछाड़कर रक्षा मंत्री का पद ग्रहण किया है। उनके कठिन परिश्रम ने ही उन्हें इस काबिल बनाया है कि वे नारी शक्ति की मिसाल बनी हुई हैं।

          जब निर्मला सीतारमण पहली बार वित्त मंत्री बनीं तो भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बड़ी दयनीय थी। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और व्यापक बेरोजगारी दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं और साथ में कोरोना महामारी का काल चक्र भी आया। 

          वास्तविक चुनौतियों को नज़रअंदाज़ किए बिना, वित्त मंत्री सीतारमण ने कड़ी मेहनत की और इस कठिन समय में हमारे समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। यहां तक कि 2021 का नवीनतम बजट भी सीतारमन के साहसिक स्वभाव और विकास और समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 

          एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनेता के रूप में, निर्मला सीतारमण ने कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सम्मेलनों में कंबोडिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, रूस जैसे विभिन्न देशों में भारतीय राज्य की यात्रा की और उनका प्रतिनिधित्व किया। आज भी वे बिना किसी डर के साहस के साथ भारत की अर्थव्यवस्था की डोर संभाले हुए है।

निर्मला सीतारमण का राजनीति में आने से पहले का करियर -

          निर्मला सीतारमण ने हैबिटेट (लंदन में एक घरेलू सजावट की दुकान) में एक विक्रेता के रूप में काम किया। उन्होंने एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन (यूके) के एक अर्थशास्त्री के सहायक के रूप में भी काम किया। उन्होंने पीडब्ल्यूसी (प्राइसवाटरहाउसकूपर्स) और बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में वरिष्ठ प्रबंधक (अनुसंधान और विकास विभाग) के रूप में भी काम किया है। वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जीवन से हमें  क्या सबक लेना चाहिए ?

           निर्मला सीतारमण अपने स्वयं के विश्वासों, लक्ष्यों और राजनीतिक आदर्शों के साथ एक व्यक्तिवादी हैं। 2006 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया, जबकि उनके पति, परकला प्रभाकर और उनके परिवार, जो कांग्रेस समर्थक थे, ने प्रजाराज्यम पार्टी को समर्थन दिया। उनकी सफल शादी और व्यक्तिवादी आकांक्षाएं हमें खुद के प्रति सच्चे रहना सिखाती हैं और अपनी अखंडता और विश्वासों से समझौता नहीं करना सिखाती हैं। 

          अक्सर रवींद्रनाथ टैगोर और तिरुवल्लुवर जैसे भारतीय कवियों और विचारकों को उद्धृत करते हुए देखा जाता है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनका प्रेम केवल भारतीय कवियों और विचारकों के बारे में पढ़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने तक भी सीमित है। भारतीय विरासत के संरक्षण की दिशा में सक्रिय रूप से काम करते हुए, उन्होंने भारतीय विरासत और जनजातीय संग्रहालय संस्थान की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालयों के नवीनीकरण और मनोरंजन की भी घोषणा की। 

       भारतीय अर्थव्यवस्था की दयनीय स्थिति को सुधारते हुए पूरे देश के बजट को संभालना कोई छोटा कार्य नहीं है। पूरे विश्वास और निश्चय के साथ सीतारमण ने अपने साहस का परिचय दिया और एक अच्छी वित्त मंत्री के रूप में उभरी।

        अपनी रूचि और भारतीय जनता पार्टी के अपने विश्वास के लिए, वे अपने ससुराल वालों के विपरीत जाने से भी नहीं कतराई और अपने सच्चे निश्चय के साथ पार्टी का समर्थन किया। वे पार्टी में तो अच्छा काम कर ही रही थीं, साथ ही उन्होंने इसका प्रभाव अपने निजी जीवन पड़ने नहीं दिया और दृढ़ निश्चय के साथ स्पष्ट रहीं।


निर्मला सीतारमन के कैरियर से जुड़े कुछ तथ्य -


 > निर्माल सीतारमण का जन्‍म तमिलनाडु में हुआ और शादी आंध्रप्रदेश में हुई। 

> निर्मला ने लंदन में प्राइसवाटरहाउसकूपर्स रिसर्च में काम किया। 

> कुछ समय बाद वे पति के साथ हैदराबाद लौट आईं, यहां उन्‍होंने एक स्‍कूल खोला और पब्लिक पॉलिसी संस्‍थान खोला।

> 2006 में राष्‍ट्रीय महिला आयोग में कार्यकाल खत्‍म होने के बाद वे बीजेपी से जुड़ गईं। 

> 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले उन्‍हें प्रवक्‍ता बना दिया गया। हिंदी ना जानने के बावजूद निर्मला ने अपनी बोलने की शैली से अपनी छाप छोड़ी, इस दौरान वे टीवी पर बीजेपी का बड़ा चेहरा थीं। 

> मई 2014 मोदी सरकार बनने पर उन्‍हें वाणिज्‍य राज्‍य मंत्री बनाया गया। 


निर्मला सीतारमण की मान्यताएँ -

1- निर्मला सीतारमण को 2019 में जेएनयू द्वारा विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

2- फोर्ब्स मैगजीन द्वारा 2019 में उन्हें दुनिया की 34वीं सबसे शक्तिशाली महिला का दर्जा भी दिया गया था। 

       निर्मला सीतारमण भारत की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक हैं। पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई पदों पर रहने तक, सीतारमण देश की सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा एवं मिसाल हैं। 

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