नहीं रहे ‘हमारे बजाज’ अलविदा पद्मभूषित Rahul Bajaj सर

 

          राहुल बजाज ने पिछले साल अप्रैल में बजाय ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। बजाज ऑटो भारतीय कारोबार खासकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जानामाना नाम रहा है। चलो जानते है यहां राहुल बजाज {Rahul Bajaj} जी के बारे मे।             

      

नहीं रहे ‘हमारे बजाज’ अलविदा पद्मभूषित Rahul Bajaj सर

राहुल बजाज और उनका परिवार-

            पद्म भूषण से सम्मानित राहुल बजाज {Rahul Bajaj} एक भारतीय व्यवसायी, उद्योगपति, राजनीतिज्ञ, फोर्ब्स अरबपति और भारतीय संसद के सदस्य हैं। राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 भारत के बंगाल प्रेसीडेंसी में एक मारवाड़ी परिवार बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। वो भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक महान समाज सेवी जमनालाल बजाज के पोते थे। 

          उनका एक भाई शिशिर बजाज है, जिसके साथ पारिवारिक विवाद को समाप्त करने के लिए हाल ही में एक व्यापारिक समझौता हुआ था। उनके 3 चचेरे भाई हैं, शेखर, मधुर और नीरज, जिनके साथ वे बजाज समूह की कंपनियों को नियंत्रित करते हैं।

          राहुल बजाज जी के अर्धांगिनी का नाम रूपरानी और उनके दो बेटे राजीव और संजीव हैं। जो उनकी कंपनियों के प्रबंधन में शामिल हैं और एक बेटी सुनैना हैं, जिनकी शादी मनीष केजरीवाल से हुई है, जो टेमासेक इंडिया के प्रमुख हैं।

राहुल बजाज की शिक्षा/Education -

            राहुल बजाज {Rahul Bajaj} जी की स्कूल की पढाई कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से हुई थी। फिर उनकी आगे की पढाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई, जहाँ से उन्होंने अर्थशास्त्र ओनर्स की डिग्री ली। उसके बाद बम्बई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली और फिर वो हार्वर्ड चले गए जहाँ से उन्होंने अपना  MBA किया। 

राहुल बजाज का करियर -

          राहुल बजाज {Rahul Bajaj} के नेतृत्व में Bajaj Chetak दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर बन गया था, जिसके दुनियाभर में 1 करोड़ 30 लाख ग्राहक थे। इसकी बिक्री 2006 तक की गई थी। भारत के महान योद्धा महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध घोड़े के नाम पर इसे चेतक नाम मिला था। 

          कंपनी ने 14 साल बाद इसके इलेक्ट्रिक मॉडल को भारत में लॉन्च किया। वहीं Bajaj Priya स्कूटर को भी ग्राहकों का जबरदस्त साथ मिला। यह कहना गलत नहीं होगा कि शुरुआती दिनों में घर-घर तक स्कूटर पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रेय 'हमारे बजाज' को ही जाता है। इसका एक दूरदर्शन में विज्ञापन चला करता था, ''बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर - हमारा बजाज'' जो काफी लोकप्रिय हुआ था।


नहीं रहे ‘हमारे बजाज’ अलविदा पद्मभूषित Rahul Bajaj सर

 

          ‘हमारा बजाज’ स्लोगन ने कई पीढ़ियों तक लोगों के दिलों पर राज किया है। किसी घर में जब बजाज चेतक आता था तो उसे देखने और ‘टेस्ट ड्राइव’ करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। आज भी ''हमारे बजाज'' को हिंदुस्तान के सबसे सफल मार्केटिंग कैंपेन में से एक माना जाता है।    

          राहुल के बजाज समूह को देश-विदेश में निर्मित उत्पादों और फाइनेंशियल सर्वेसेज प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बजाज समूह का बिजनेस वाहन, घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक लैम्प, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, फोर्जिंग, बुनियादी ढांचे के विकास, सामग्री हैंडलिंग उपकरणों, यात्रा, जनरल और जीवन बीमा और निवेश में वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। 

           जब से राहुल बजाज {Rahul Bajaj} ने 1965 में बजाज समूह का कार्यभार संभाला, उनके नेतृत्व में बजाज ऑटो साल दर साल नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। बजाज ऑटो का कारोबार महज 7.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 46.16 अरब रुपये हो गया है। उन्होंने लाइसेंस-परमिट राज के कठिन दिनों में भारत की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक का निर्माण किया।

           बजाज ऑटो लिमिटेड भारतीय बाजार में अपने टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की बिक्री करती है। यह पुणे की बेस्ड कंपनी है। कंपनी भारत और देश से बाहर अपने स्कूटर्स, बाइक्स और ऑटो रिक्शा की बिक्री करती है। यह दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर बनाने वाली कंपनी है। जबकि, भारत में यह हीरो मोटोकॉर्प के बाद दूसरी सबसे बड़ी टू-व्हीलर कंपनी है। बजाज ऑटो आज दुनियाभर में 70 से ज्यादा देशों में अपने दोपहिया वाहनों की बिक्री करती है।


राहुल बजाज {Rahul Bajaj} जी के बारे मे रोचक जानकारी -

> सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष रह चुके। 

> ऑटोमोबाइल्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के लिए विकास परिषद के अध्यक्ष रह चुके। 

> नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ क्येलिटी एस्योरेंस ने 1975 में राहुल बजाज को ''मैन ऑफ दी ईयर'' अवार्ड से सम्मानित किया। 

> 1985 में बिजनेसमैन ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया। 

> वर्ष 1986 से लेकर 1989 तक वो तत्कालिन इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन भी रहे थे। 

> FIE फाउंडेशन ने उन्हें साल 1996 में राष्ट्र भूषण सम्मान से पुरस्कृत किया। 

> इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल ऑफ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड और इंटरनेशनल एडवाइजरी काउंसिल, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन, वाशिंगटन डीसी के साथ फेलोशिप में भी शामिल रहें। 

 > लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट ने सन 2000 में तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया। 

> राहुल बजाज का भारतीय ऑटो जगत और समाज में अविश्वनीय योगदान रहा है, जिसके वजह से उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित (Padma Bhushan Rahul Bajaj) किया गया था। 

> वर्ष 2003 से लेकर 2006 तक राहुल बजाज IIT बॉम्बे के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स के साथ अध्यक्ष रह चुके। 

> फोर्ब्स की भारत के 40 सबसे धनाढ्य लोगों में वे देश के 20वें सबसे अमीर लोगों में शुमार रहे। 

> साल 2006 में उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुना गया। चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई और उन्हें एनसीपी, बीजेपी तथा शिवसेना से वोट मिले। 


नहीं रहे ‘हमारे बजाज’

          रूबी हॉल क्लिनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. पुरवेज ग्रांट ने कहा कि, बजाज समूह (Bajaj Group) के मानद चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) को निमोनिया के साथ-साथ हृदय संबंधी परेशानी भी थी। उन्हें पिछले महीने ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 12 फ़रवरी 2022 को पुणे में उनके घर पर ही दोपहर ढाई बजे अंतिम सांस ली। वे 83 वर्ष के थे। इस दौरान उनके परिवार के करीबी सदस्य उनके पास मौजूद थे। { राहुल बजाज की पत्नी रूपरानी बजाज का पहले ही निधन हो चुका है। }

नहीं रहे ‘हमारे बजाज’ अलविदा पद्मभूषित Rahul Bajaj सर
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           भारत के सबसे कामयाब उद्योगपतियों में से एक थे राहुल बजाज सर। भारत के उद्योग के लिए ये एक ऐसी क्षति है जिसको भरा नहीं जा सकता। अलविदा पद्मभूषित Rahul Bajaj सर। 

 'यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। 


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