
PC-Google
बॉलिवुड के पहले रॉक स्टार, डिस्को किंग - बप्पी लाहिड़ी
बॉलिवुड में गायकों का एक अलग ही मुकाम रहा है। हर गायक का एक अलग ही अंदाज होता है। लेकिन कई बार इन्हीं गायकों में से कोई गायक अपना एक ऐसा स्थान बनाता है जो बाकियों से बिलकुल अलग होता है। ऐसे ही गायकों में से एक है हमारे बप्पी दा यानि बॉलिवुड के पहले रॉक स्टार, डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी। जिनकी बुलंद आवाज ने सब के दिलो मे अपनी एक अलग ही जगह बनाई है।
बप्पी लाहिड़ी ने बॉलिवुड में गीतों को पॉप का तड़का लगाके हम सबको संगीत का एक नया स्वाद प्रदान किया है। भारतीय संगीत जगत में एक समय ऐसा भी था जब बप्पी लाहिड़ी का नाम आते ही लोगों के जहन में झुमते हुए गानें और बेहतरीन म्यूजिक घुमता था और हमेशा घूमता रहेगा।
बप्पी लहरी की जीवनी
बप्पी लाहिड़ी जिनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी है। उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपैगुड़ी पश्चिम बंगाल, एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी तथा मां का नाम बन्सरी लाहिड़ी है। इनके पिता और माता दोनों गायक-गायिका थे। इनका पूरा बचपन संगीत के बीच ही बीता। बप्पी दा अपने माता पिता की अकेली संतान हैं।
बप्पी लाहिड़ी ने मात्र तीन वर्ष की आयु में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था, जिसे बाद में उनके पिता के द्वारा ओर भी गुर सिखाये गये। बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रूबरू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकानेवाले मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने कई बड़ी छोटी फिल्मों में काम किया है। बप्पी दा ने 80 के दशक में बालीवुड को यादगार गानों की सौगात दे कर अपनी पहचान बनाई।
सिर्फ 17 साल की उम्र से ही बप्पी संगीतकार बनना चाहते थे और उनकी प्रेरणा बने एसडी बर्मनजी बप्पी टीनएज में एसडी बर्मन के गानों को सुना करते और उन्हें रियाज किया करते थे।
जिस दौर में लोग रोमांटिक संगीत सुनना पसंद करते थे उस वक्त बप्पी दा ने बॉलीवुड में 'डिस्को डांस' को इंट्रोड्यूस करवाया। उन्हें अपना पहला अवसर एक बंगाली फ़िल्म, दादू (1972) और पहली हिंदी फ़िल्म नन्हा शिकारी (1973) में मिला जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था। जिस फ़िल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित किया, वह ताहिर हुसैन की हिंदी फ़िल्म ज़ख़्मी (1975) थी, जिसके लिए उन्होंने संगीत की रचना की और पार्श्व गायक के रूप में दोगुनी कमाई की।
इस फिल्म ने उन्हें प्रसिद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचाया और हिंदी फिल्म उद्योग में एक नए युग को आगे लाया। इसके बाद तो वे फिल्म दर फिल्म बुलंदियों को छूते गये और बॉलीवुड में अपना नाम बड़े कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित किया। उनके संगीत में वेस्टर्न टच था, जिसने युवाओं की काफी ज्यादा आकर्षित किया।
उनके हिट गानों में से कुछ खास गाने जो हमेशा हमें याद रहेंगे - सुपर डांसर (डिस्को डांसर), बॉम्बे से आया मेरा दोस्त (आप की खातिर), ऐसे जीना भी क्या जीना है (कसम पैदा करने वाले की), प्यार चाहिए मुझे जीने के लिए (मनोकामना), रात बाकी (नमक हलाल), यार बिना चैन कहां रे (साहब), ऊ ला ला ऊ ला ला (द डर्टी पिक्चर) और भी है। 'डिस्को डांसर' और 'जिम्मी-जिम्मी' जैसे उनके गाने आज भी आइकॉनिक माने जाते हैं।
बप्पी लाहिड़ी प्रसिध्द गायक होने के साथ म्यूजिक डायरेक्टर, अभिनेता एवं रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं।
बप्पी लाहिड़ी और उनका सोने से प्यार
बप्पी लाहिड़ी की एक ओर खासियत उनके सोने के गहने हैं। गले में सोने की मोटी चेन और भारी-भारी अंगूठियां पहनते है। बप्पी लाहिड़ी को सोने से बेहद लगाव है और वह सोने को अपने लिए लकी मानते हैं। बप्पी दा रोजाना 1.5 किलोग्राम सोना पहन के रखते हैं और ये उसकी सुरक्षा के लिए 4 बॉडीगॉर्ड भी रखते हैं।
एक साक्षात्कार में उन्होंने सोने के लिए अपने प्यार के बारे में बात की और कहा,
“मेरी माँ ने मुझे यह हार भेट स्वरूप दिया है, जो मेरे गले की रक्षा के लिए है और मैं सोचता था, अगर मैं किसी दिन सफल हो जाता हूं, तो मैं अपनी एक अलग छवि बनाऊंगा। भगवान की कृपा से, मैं इसे सोने से कर सकता था। पहले लोग सोचते थे, यह सिर्फ दिखावा करने का एक तरीका है। लेकिन यह वैसा नहीं है। सोना मेरे लिए भाग्यशाली है। ”
बप्पी दा के बारे मे रोचक जानकारी -
> बप्पी दा को 'डिस्को किंग' कहा जाता था क्योंकि उन्होंने ही भारतीय सिनेमा में Synthesized Disco म्यूजिक को पॉप्युलर किया था।
> बप्पी दा को खाने में रिवर फिश और आलू पोस्टो बहुत पसंद है।
> बप्पी दा अमिताभ बच्चन और सलमान खान के बहुत बड़े फैन हैं और इनकी पसंदीदा अभिनेत्री माधुरी दीक्षित हैं।
> इन्हे किशोर कुमार और ए.आर. रहमान की आवाज बहुत पसंद है।
> इनकी बेटी रेमा गायिका और बेटा बाप्पा संगीत निर्देशक है।
> बप्पी दा को बड़ा ब्रेक 1973 में फिल्म “नन्हा शिकारी” से मिला, लेकिन इन्हे प्रसिद्धि फिल्म “ज़ख़्मी” से मिली।
> बप्पी लोहिड़ी फिल्म “ज़ख़्मी” के एक गीत “नथिंग इम्पॉसिबल” की रचना करके असंभव को संभव बना दिया, जिसे मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार ने मिलकर गाया था।
> 1985 मे बप्पी दा को Best Music Director {Sharaabi} से नवाजा गया था।
> 1996 में इन्होने मुंबई में अपने पहले लाइव शो में माइकल जैक्सन को आमंत्रित किया था।
> बप्पी लाहिड़ी Gold/सोने के प्रेमी है और धूप का चश्मा /सनग्लासेस पहनना पसंद करते है।
> इन्होने कई संगीत रियलिटी शो भी जज किये हैं, जैसे: सा रे ग म प लिटल चैंप्स 2006, सा रे गा मा पा चैलेंज 2007, आदि.
> 2008 में बप्पी दा ने कोलकाता नाईट राइडर्स टीम के लिए आईपीएल में संगीत दिया था।
> बप्पी जी ने 2014 के आम चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन ये उसमे सफल नहीं रहे।
> बप्पी दा को 2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था और उन्होंने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता।
> बप्पी दा का नाम एक ही साल (1986) में रिलीज हुई 33 फिल्मों के लिए 180 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
> बप्पी लाहिरी ने 2012 में फिल्म इट्स रॉकिंग: दर्द-ए-डिस्को के लिए मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने कई फिल्मों जैसे बढ़ती का नाम दधी, ओम शांति ओम, मैं और श्रीमती खन्ना, नयन मोनी में अतिथि भूमिका निभाई।
बप्पी लाहिड़ी कह गए अलविदा
कुछ दिन पहले ही स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया था। अभी देश लता जी को खोने के सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि अब बप्पी दा हमेशा के लिए अलविदा कह गए लेकिन उनका स्वर्णिम संगीत हमारे साथ हमेशा अमर रहेगा।
पीटीआई ने बप्पी लाहिड़ी {69 वर्षीय} के निधन की पुष्टि की। वहीं अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. दीपक जोशी ने बताया कि बप्पी लहिरी एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सोमवार (14 फरवरी) को डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ गई। बप्पी दा के परिवार ने डॉक्टर को घर पर बुलाया। बप्पी दा को तुरंत ही अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टरो की कोशिशें नाकाम रही। डॉक्टर के मुताबिक, बप्पी दा हेल्थ संबंधी काफी परेशानियों से जूझ रहे थे। उनका निधन OSA (obstructive sleep apnea) के कारण हुआ।
डिस्को किंग' बप्पी लाहिड़ी को भावभीनी श्रद्धांजलि।
अगर आप रोज मोटिवेशनल कोट्स पढ़ना चाहते हो यहां क्लिक करे।
0 Comments