LOCKDOWN
चलो कुछ दिनों सुकून
से जिया जाए,
ग़ैरोंसे दूर और अपनों
के पास रहा जाए।
कई लोग इस बारे में बात कर रहे हैं कि उन्होंने कोविद के तहत क्या सीखा है और वह बहुत अच्छा है। लोगों को दूसरों की प्रशंसा, अलगाव के बारे में अहसास, समानता के साथ संघर्ष, ऊब और चुनौतियों को हल करने में अच्छा लगता है। शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, नर्स, सामुदायिक कार्यकर्ता और डॉक्टरों जैसे सेवा व्यवसायों के लिए प्रशंसा देखना शानदार है। यह शारीरिक रूप से अलग होने के बावजूद समर्थन, समझ, सहानुभूति,
मदद और साथ-साथ की भाषा सुनने के लिए प्रोत्साहित करने के समान है। इससे भी अधिक आश्चर्यजनक यह है कि इन पाठों को सीखने के लिए यह एक संकट है। ये कोविद पाठ के उप-उत्पाद हैं।
कभी-कभी हमने जो चीजें सीखी हैं, वे बिल्कुल भी नए सबक नहीं हैं, बल्कि हम जो कुछ भी जानना चाहते हैं उसकी पुन: पुष्टि करते हैं - कि लोग मायने रखते हैं। ऐसा क्यों है कि हमें पुन: पुष्टि करने के लिए संकट की आवश्यकता है कि हम लोगों के बारे में भूल गए हैं और वस्तुओं के प्यार में डूब गए हैं? यह हमें वास्तविकता में वापस हिलाने के लिए एक झटका क्यों लेता है कि जीवन व्यक्तियों, नैतिक जीवन और समुदाय के बारे में है? यह हमारे नियंत्रण से परे बलों के सामने हमारी शक्तिहीनता के लिए फिर से पुष्टि करने के लिए एक वायरस क्यों लेता है?
कोविद से हमें जो सबक सीखना चाहिए था, वह है व्यापार-नापसंद और उप-उत्पादों की शक्ति। शून्य की विचारधारा कितनी मूर्खतापूर्ण लगती है जब शून्य विश्वासों को बिन में डंप करना पड़ता है और नई प्रथाओं को संभव नहीं माना जाता है, नुकसान शमन की विचारधारा के तहत अपनाया जाना है? जब यह जीवन और मृत्यु होता है तो हम दिल की धड़कन में व्यापार बंद कर देते हैं। हम स्कूल मास्टर कोविद के सामने खड़े हो गए और आगे बढ़ गए जहाँ वह हमें ले गया। हम शून्य के उन मूर्खतापूर्ण शब्दों को डंप करते हैं और स्वास्थ्य पेशेवरों को अधिक से अधिक अच्छे, समुदाय,
मदद और देखभाल के कारण दैनिक नुकसान में देखते हैं!
11 Comments
सही बात है ! वास्तव चित्रण प्रस्तुत किया है ऍड. श्रुती मुंदडा, काबरा. अभिनंदन एवं धन्यवाद !
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DeleteAbsolutely true and heart-touching... Rightly pointed out that material things in our life are a means to an end and not end in theselves
ReplyDeleteTrue said
ReplyDelete🙏तमाम रिसर्च के बाद Covid 19 पर ज्ञात नतीजे !!! 🤷♂
ReplyDelete👉1. केवल 3 लोग कार में सफर कर सकते हैं... 4था आदमी वायरस को आकर्षित करता है।
👉2. दो पहिया वाहन पर पीछे बैठा शख़्स वायरस का निशाना होता है, चलाने वाला नहीं!!
👉3. बस में सिर्फ 30 लोग बैठें 31वां कोरोना ले आएगा।
👉4. शाम 7 बजे के बाद कोरोना बाहर निकलता है और सुबह 7 बजे तक घूमता है इसलिए आप बाहर न निकलें।
👉5. अगर आप दुकान से शराब लेकर चले जाते हैं तो कोरोना बुरा नहीं मानता लेकिन अगर बार में बैठ कर पीते हैं तो वो आपको पकड़ लेगा।
👉6. अगर आप पास लेकर अलग अलग जोन के बीच यात्रा करते हैं तो कोई बात नहीं लेकिन अगर बिना पास के जाते हैं तो कोरोना आपको दबोच लेगा।
👉7. कहीं से सामान लें कोई दिक्कत नहीं है कोरोना तो आपका काम्प्लेक्स और मॉल में इंतज़ार करता है।
👉8. बिना मास्क के नेताओं और उनके चमचों को ये छूता भी नहीं, लेकिन साधारण इंसान को बिना मास्क के देखते ही दबोच लेता है।
👉. रविवार को बाहर न निकलें ये घूमता है बाकी दिन छुट्टी पर रहता है।
👉10. ये मन्दिर मस्जिद और चर्च में आपका इंतजार कर रहा है लेकिन फैक्ट्री और काम की जगहों से दूर रहता है।
👉11. अगर आप होटल में खाना खाएंगे रो ये आपको पक्का पकड़ लेगा लेकिन अगर आप खाना घर ले जाने के लिए वहाँ इंतज़ार करते हैं तो ये कुछ नहीं कहता।
👉12. ये अमीरों की शादी में नहीं जाता चाहे जितने मेहमान हों वहाँ लेकिन साधारण आदमी के यहाँ जैसे ही 50 से 1 ऊपर हुआ तो ये बुरा मान जाता है।
🙏तो सतर्क रहें और इसके 😷साथ जीना सीखें...!!👌
🙏😷😷😷....✍️
आप सभी का बहोत बहोत धन्यवाद...
ReplyDeleteWell done Shruti, to the point��
ReplyDeleteबिल्कुल सही लिखा है.. वास्तविक जीवन की सच्चाई.. हमे सुकून की जिंदगी जीने के लिए अपनों के पास जाने के लिए एक वायरस की जरूरत गिर गई.. एक वायरस ने हमे जगा दिया..
ReplyDeleteRealy true
ReplyDeleteHmm
ReplyDeleteGood
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